Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

SPS- बड़ा जालिम निकला 2021, किसी के अपने ले गया तो किसी के सपने

2021-India
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

नई दिल्ली/ फरीदाबाद - लगभग 3 घंटे बाद एक जालिम का अंत होने जा रहा है जिसका नाम 2021 है। एक साल पहले जब ये आया तो देश के हालत काफी कुछ ठीक थे लेकिन आने के लगभग दो महीने बाद इसने रंग दिखाना शुरू कर दिया और फरवरी के दूसरे हफ्ते तक देश में चीख पुकार मच गई। लोग अपनों को खोने लगे, सपनों को खोने लगे। फरवरी के दूसरे हफ्ते और मार्च के दूसरे हफ्ते के बीच जो कुछ देखा गया उसे कोई भी नहीं देखना चाहेगा। किसी के पास किसी के अपनों का फोन आता था तो कोई कहता था आक्सीजन का प्रबंध करो कोई कहता था किसी अस्पताल में बेड दिलवाओ। अपनों का फोन आते ही लोग डर जाते थे। लोगों ने अपनों के लिए बेड और आक्सीजन का जुआड़ किया तो अस्पतालों के बिल लोगों को रुलाते थे। लाखों लोगों की जमीनें, दुकानें बिक गईं। कामकाज छूट गया। शायद ही कोई ऐसा हो जिसका कोई ना कोई खास इस जालिम वर्ष का शिकार न हुआ हो। 

उसी दौरान कुछ अजीब भी देखा गया। कुछ विधायक मंत्री, सांसद भी विलख रहे थे। जान गँवा रहे थे। इंजेक्शन आक्सीजन की गुहार लगा रहे थे। कई राज्यों के तमाम मंत्रियों की जान चली गई। कई विधायकों की जान चली गई। मास्क अनिवार्य था और भीड़भाड़ से बचने के लिए कहा जा रहा था लेकिन बंगाल में चुनाव थे और दिल्ली के कुछ बड़े नेताओं का दोगलापन दिखा। दिल्ली में भीड़भाड़ से बचने और मास्क लगाने वाले नेता बंगाल में भीड़ देख खुश हो रहे थे। लोग अपनों के शव नदियों और नालों में फेंक रहे थे। तमाम लोग ऐसे भी दिखे जो अपनों के महामारी से पीड़ित होने के बाद सारे रिश्ते तोड़ उन्हें मरने पर छोड़ दिया और अंतिम संस्कार करने भी नहीं पहुंचे। इस दौरान देश ने बहुत कुछ देखा।  जमकर लूट खसोट भी हुई। हजार दो हजार के इंजेक्शन 50 हजार तक में बिके। लाखों नकली इंजेक्शन बिक गए। फर्जी रिपोर्ट बनाने के हजारों मामले आये। 

यही नहीं इसी साल पेट्रोल डीजल के दामों ने रिकार्ड तोड़ डाला। 2014 में देश के नायक बने पीएम नरेंद्र मोदी  की इसी साल जमकर फजीहत भी हुई क्यू कि एक तरफ लोग जान गँवा रहे थे दूसरी तरफ पीएम बंगाल में भीड़ देख खुश हो रहे थे। इधर किसान भी आंदोलन कर रहे थे। इसी साल देश के मीडिया के कुछ बड़े चैनलों की भी जमकर फजीहत हुई क्यू कि जब नए कृषि क़ानून आये थे तो कुछ चैनल वालों ने किसानों को आतंकवादी और खालिस्तानी कहा यहाँ तक की तमाम भाजपा नेताओं ने भी और कानूनों को सभी बताया लेकिन 19 को जब पीएम मोदी ने यू टर्न लेते हुए कानूनों को वापस लेने की घोषणा की तो मीडिया चैनल वाले विलखने लगे। नेताओं का भी यही हाल देखा गया। हरियाणा के इतिहास में ये साल बहुत ही अजीब रहा। सीएम, उप मुख्य्मंत्री सहित तमाम बड़े सत्ताधारी नेता तीन चार जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में जाने की हिम्मत नहीं कर पाए। एक और अजीब बात ये देखी गई कि जब कृषि क़ानून लागू किये गए तब तमाम छोड़े बड़े नेताओं ने पीएम मोदी का धन्यवाद किया और कानूनों को सही बताया लेकिन जब क़ानून वापस लिए गए तब भी ये नेता पीएम मोदी का धन्यवाद करते दिखे। तब लोगो ने कहना शुरू कर दिया कि ये नेता बकलोल हैं और ये अच्छा बुरा नहीं समझते हैं। 

किसान आंदोलन ख़त्म होने के बाद किसानों ने जश्न मनाया लेकिन लगभग 700 किसान आंदोलन के दौरान दुनिया छोड़ चुके थे जिनके परिजन अब भी सरकार से दुखी हैं। कहा जा रहा है कि किसान आंदोलन न होता तो अब तक पेट्रोल के दाम 150 रूपये पार हो गए होते। सब कुछ एकतरफा चल रहा था। 80 रूपये में प्रति किलो बिकने वाला सरसों का तेल 200 रूपये तक पहुँच गया था और आंदोलनकारी किसानों का कहना था कि अब गेंहूं चावल की बारी है। ये सब थैलियों में बिकेगा और बेंचने वाले अडानी होंगे। एक किलो आटा 50 रूपये में बिकेगा और 40 रूपये किलो वाला चावल भी 100 रूपये किलो थैली में बिकेगा। पंजाब, हरियाणा सहित यूपी के कई जिलों के किसान आंदोलन कर रहे थे और दिल्ली की कई सीमाएं बंद थीं। सरकार की छबि निगेटिव होती जा रही थी और कई भाजपा नेता ही अपनी सरकार पर सवाल उठाने लगे। कई राज्यों में हुए उप चुनावों में भाजपा की खटिया खड़ी होने लगी और फिर पेट्रोल के दाम कम किये गए और तीन कृषि क़ानून वापस लिए गए। अब कई राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं। इन राज्यों में धड़ाधड़ हजारों करोड़ के शिलान्यास किये जा रहे हैं लेकिन सत्ताधारी पार्टी अब भी राम कृष्ण पर निर्भर नजर आ रही है। देश का मुख्य विपक्ष यानी कांग्रेस अब भी बहुत कमजोर है। संभव है 2022 में भाजपा कुछ राज्यों में फिर वापसी कर ले। खासकर यूपी में। 

फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

India News

Post A Comment:

0 comments: