नई दिल्ली- कांग्रेस हाईकमान की कमजोरी का फायदा देश की कुछ राजनीतिक पार्टियां उठाने का प्रयास कर रही हैं। आम आदमी पार्टी, टीएमसी जैसी पार्टियां देश के कई राज्यों में पांव पसारने लगी हैं। दिल्ली कई बार फतह करने के बाद केजरीवाल की नजर पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, यूपी, हिमाचल, हरियाणा जैसे राज्यों पर है तो कुछ माह पहले बंगाल में फिर सत्ता में आईं टीएमसी की ममता बनर्जी की नजर भी कई राज्यों पर है। हाल में वो भी गोवा गईं थीं। आज कुछ नेता टीएमसी में शामिल हुए जिनमे कांग्रेसी नेता कीर्ति आजाद एवं हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर प्रमुख हैं।
अशोक तंवर के बारे में अब तरह-तरह की चर्चाएं हो रहीं हैं और अधिकतर लोगों का कहना है कि उन्होंने जो कदम उठाया है वो उनके लिए अच्छा साबित नहीं होगा। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के मनोबल को गिराने का काम किया है। कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी एक पार्टी भी बनाई और तमाम जिलों में संगठन खड़ा किया लेकिन आज उन्होंने उन लोगों को भी निराश किया जो उनकी पार्टी से जुड़े थे।
कहा जा रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस का भट्ठा सबसे ज्यादा अशोक तंवर ने ही बैठाया, कई साल प्रदेश अध्यक्ष रहे लेकिन संगठन नहीं बना सके। विधानसभा चुनावों के पहले कांग्रेस छोड़ कांग्रेस के खिलाफ प्रचार किया। अगर तंवर ऐसा न करते तो 2019 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती। तंवर के बारे में सोशल मीडिया पर जो लिखा जा रहा है उसे हम यहाँ लिख नहीं सकते। अपशब्दों का प्रयोग किया जा रहा है।
एक बड़ी बात ये भी कही जा रही है कि प्रशांत किशोर कांग्रेस के अंदर सेंधमारी कर रहे हैं। कीर्ति आज़ाद और अशोक तंवर आज टीएमसी में शामिल हुए और अब प्रशांत का अगला निशाना छत्तीसगढ़ है।छत्तीसगढ़ के एक कद्दावर नेता ने अपनी छवि और लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रशांत किशोर से सम्पर्क बनाया हुआ है। अब ममता बनर्जी हरियाणा में पांव पसारने के लिए तंवर के कंधे का इस्तेमाल करेंगी लेकिन हरियाणा में टीएमसी का कोई जनाधार आने वाले 10 वर्षों में भी इसलिए नहीं होगा क्यू कि अशोक तंवर ने बार-बार अपने समर्थकों को निराश करने का काम किया है और अब उनसे जुड़ने में लोग संकोचित महसूस करेंगे।
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