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ऐलानाबाद उप चुनाव में BJP-JJP गठबंधन के प्रत्याशी की कैसे जब्त हो जमानत, रणनीति बनाने में जुटा विपक्ष 

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चंडीगढ़ - ऐलानाबाद उप चुनाव को लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। ये चुनाव जहां सत्ता पक्ष के नाक का सवाल बन गया है और सत्तापक्ष हर हालत में ये चुनाव जीतना चाहता है तो मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी चुनाव जीतने के लिए बड़ी रणनीति बनाने में जुटी है। इनेलो ऐलानाबाद को अपना गढ़ मानती है और अभय चौटाला यहाँ के विधायक थे लेकिन किसानों के समर्थन में उन्होंने अपना इस्तीफ़ा दे दिया था और सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है कि इनेलो जीत के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त है। इनेलो कार्यकर्ताओं का कहना है कि इनेलो यहाँ से भारी बहुमत से जीतेगी। 

सत्तापक्ष की बात करें तो अभी तक कहा जा रहा था कि ये सीट सहयोगी जजपा के खाते में जाएगी और यहाँ जजपा के प्रत्याशी को टिकट दिया जाएगा और भाजपा समर्थन करेगी क्यू कि वर्तमान में प्रदेश में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार है। अब जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक़ यहाँ  उम्मीदवार भाजपा का होगा और गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ेगा। भाजपा ने सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को उपचुनाव प्रभारी बनाया है। इस बात की जानकारी कल चंडीगढ़ में पार्टी कार्यालय में प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने दी। उन्होंने बताया कि उपचुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम पर चर्चा और अन्य रणनीति बनाने के लिए तीन अक्तूबर को चुनाव समिति की बैठक होगी। 

ऐलानाबाद को लेकर आज  कांग्रेस शुक्रवार  दिल्ली में रणनीति तैयार कर रही है । पार्टी के प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा समेत सभी वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को बैठक में मौजूद है। कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो कहा जा रहा है कि ऐलानाबाद की जंग हर हालात में जीतनी है और गठबंधन सर्कार के प्रत्याशी की हर हालत में जमानत जब्त करवानी है वो भाजपा का हो या जजपा का और ऐसा कुछ इनेलो के अंदर भी चल रहा है। दोनों पार्टियां सत्तापक्ष के उम्मीदवार की जमानत जब्त होते देखना चाहती हैं। इनेलो भी तीन अक्तूबर को बैठक कर चुनावी रूपरेखा तैयार करेगी। कांग्रेस की बात करें तो पार्टी शराब घोटाला, रजिस्ट्री घोटाला,पेपर लीक मामले को भुनाने का प्रयास करेगी और इस पर मनन शुरू हो गया है और किसान आंदोलन में लगभग 700 किसानों की मौत को लेकर भी सत्तापक्ष को घेरा जायेगा। रसोई गैस, डीजल पेट्रोल और खाद्य तेल के दामों में रिकार्ड बढ़ोत्तरी भी विपक्ष के मुद्दे में शामिल होंगे ऐसा कांग्रेस के सूत्रों से पता चला है। 

सत्तापक्ष भाजपा- जजपा इस चुनाव को विकास के नाम पर लड़ेगी और प्रदेश के विकास का ढिंढोरा पीटा जायेगा लेकिन अगर अक्टूबर के अंतिम हफ्ते तक एक दो बार बारिश हो गई तो विकास का ढिंढोरा पानी में बह जायेगा क्यू कि प्रदेश के तमाम जिलों का हाल बेहाल है। सड़कें चलने लायक नहीं हैं। सड़कों पर गड्ढ़े और सीवर का पानी जमा है। तमाम जिलों की जनता डेंगू की चपेट में है और बुखार से कराह रही है। किसानों को धान खरीद पर रोक का एक और मुद्दा मिल गया है और आज झज्जर में प्रदेश के उप मुख्य्मंत्री का जमकर विरोध हुआ और किसान नेता चढूनी एलान कर चुके हैं कि दो अक्टूबर तक धान की खरीद न शुरू हुई तो भाजपा के मंत्री,सांसद, विधायक और जजपा के भी नेता घर से बाहर नहीं निकल पाएंगे यहाँ तक कि इनके कुत्ते भी घर से बाहर नहीं निकल पाएंगे। 

प्रदेश में किसान आंदोलन के कारण सत्ताधारी पार्टी की हालत बहुत खस्ता है। कहा जा रहा है इसी कारण पंचायत चुनाव भी लटकाये जा रहे हैं। लगभग डेढ़ दर्जन जिलों में भाजपा जजपा के बड़े नेता खुलकर नहीं जा पा रहे हैं। जहाँ जाते हैं वहाँ का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया जाता है ऐसे में ऐलनाबाद में अपने उम्मीदवार के लिए वो मांगने कैसे जाएंगे ये तो वक्त ही बताएगा। 

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