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अब भी विलख रही हैं बेटियां, घर के इकलौते कमाने वाले व्यक्ति थे शहीद संदीप, फरीदाबाद के सक्षम लोगों ने दिखाई कंजूसी  

Faridabad-News-06-October
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सोनीपत/ फरीदाबाद- सोनीपत के कथुरा गांव भी अब भी सनाटा पसरा हुआ है। पिछले गुरुवार की रात्रि को इसी गांव के बहादुर सिपाही ने फरीदाबाद की जनता को बदमाशों से बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। हरिद्वार में शहीद हो गए थे। शहीद सिपाही संदीप के घर की आर्थिक हालत बहुत ख़राब बताई जा रही है। संदीप के परिवार में गमगीन बुजुर्ग माता-पिता और उनकी पत्नी है। उनके 3 बच्चे, जिसमें 1 बेटा और 2 बेटियां हैं। बेटियों का अब भी रो-रोकर बुरा हाल है। संदीप घर के इकलौते कमाऊ पुत्र थे। उनकी शहादत के बाद फरीदाबाद के पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने अपनी तरफ से 11 लाख रूपये की आर्थिक मदद की थी लेकिन फरीदाबाद के तमाम व्यापारी, समाजसेवी और उद्योगपति सिर्फ आरआईपी तक सीमित रहे। कइयों ने तो शोक संवेदना जता अपनी तस्वीरें अख़बारों में भी छपवाईं। 

अब फरीदाबाद पुलिस महकमे में दबी जुबान में चर्चाएं चल रहीं हैं कि हम जिनकी सुरक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान करने के लिए तैयार रहते हैं उनका भी हमारे प्रति कुछ फर्ज तो बनता है। कहा जा रहा है कि कुछ वर्षों से हम फरीदाबाद में हुई वारदातों के आरोपियों को फटाफट दबोच रहे हैं और रात दिन एक कर देते हैं। अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं। हम मोस्टवांटेड बदमाशों को कैसे पकड़ते हैं ये हम ही जानते हैं। हमेशा जान का खतरा बना रहता है। शहर के  नेता हमारे ऊपर हमेशा सवाल उठाते हैं और उनके हर बयान में होता है कि शहर में अपराध बढ़ रहा है। 

शहर में तमाम बड़े लोग रहते हैं लेकिन किसी ने हमारे साथी के बच्चों का हाल चाल नहीं जानना चाहा। सूत्रों की मानें तो शहर के कुछ पुलिस अधिकारी चुपचाप संदीप के घर पहुँच उनके परिवार की अपनी तरफ से कुछ मदद कर रहे हैं। शहर के अन्य लोगों ने अभी तक एक रूपये की भी मदद नहीं की। इसी बात की चर्चाएं हैं। 

आपको फिर बता दें कि संदीप के परिवार माता-पिता, भाई, पत्नी और तीन बच्चे हैं। सभी संदीप पर आश्रित थे । करीब आठ एकड़ कृषि भूमि हैं। भाई और पिता मिलकर खेती करते हैं। तीनों ही बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं। उनके चले जाने के बाद परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ ही टूट गया है। 

संदीप के पिता कृष्ण और दादा रूपचंद खेती करते थे। परंतु संदीप को लोगों की सेवा करनी थी। इसलिए वह बचपन से ही पुलिस में भर्ती होना चाहता था। सपना वर्ष 2013 में पूरा हुआ। 2013 में पानीपत से हरियाणा पुलिस में भर्ती हुए थे। ट्रेनिंग के बाद उनकी नियुक्त फरीदाबाद में हुई। उनकी ड्यूटी अब फरीदाबाद क्राइम ब्रांच में थी। क्राइम ब्रांच की टीम के साथ संदीप  डकैती के मामले में हरिद्वार में बदमाशों को गिरफ्तार करने गए थे। हालांकि टीम ने वहां चार बदमाशों को गिरफ्तार भी किया लेकिन पांचवें बदमाश ने जुराब से पिस्टल निकालकर सिपाही संदीप को गोली मार दी और फरार हो गया। गोली लगने से संदीप शहीद हो गए। शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ उनके गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया। क्राइम ब्रांच के उनके साथी संदीप को बहुत ही बहादुर जवान बता रहे हैं जिनका कहना है कि कई आपरेशन में हमने उनकी जांबाजी देखी थी। उनके माध्यम से हमने फरीदाबाद के दर्जनों बदमाशों को दबोचने में कामयाबी हासिल की थी। 

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