फरीदाबाद - देश की महिलाओं ने हर क्षेत्र में इतिहास रचा है। तमाम बहन बेटियां फाइटर प्लेन उड़ा रहीं हैं तो तमाम अंतरिक्ष की सैर कर इतिहास रच चुकी हैं। तमाम महिलाएं राजनीति में भी हैं और वर्तमान में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी एक महिला ही हैं। वर्तमान में कुछ अलग युग चल रहा है। लिखने, बोलने, व्यंग करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जा रही है इसलिए तमाम लोगों ने डरकर जुबान खोलना बंद कर दिया है। ऐसे समय में भी जुबान खोल या कुछ लिखने वालों को एक योद्धा ही समझा जा रहा है और अगर ऐसा कोई महिला कर रही है तो उसे वीरांगना कहा जा रहा है।
हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लबगढ़ विधानसभा से दो बार विधायक रह चुकीं कुमारी शारदा राठौर जो मुख्य संसदीय सचिव भी रह चुकी हैं,आजकल नए अंदाज में हैं। कुछ लोगों पर मामले दर्ज होने से जहां देश के कवि और कॉमेडियन खामोश हो गए हैं वहीं शारदा राठौर भाजपा में रहते हुए भी सीधा केंद्रीय भाजपा पर हमले पर हमले करती जा रहीं हैं। अभी उन्होंने एक और ट्वीट किया है और लिखा है कि दालों तक पहुँच हुई मुश्किल,
घी के दाम से आई रुलाई ।
काम-काज कुछ बचा नहीं,
झटका देती बच्चों की पढ़ाई ।
घर की किस्तों से मन डोला ,
जीने न दे बापू की दवाई ।
कर लो क़ाबू हो पाए तो ,
या तय कर लो अपनी विदाई।
-शारदा राठौर
दालों तक पहुँच हुई मुश्किल,घी के दाम से आई रुलाई ।काम-काज कुछ बचा नहीं,झटका देती बच्चों की पढ़ाई ।घर की किस्तों से मन डोला ,जीने न दे बापू की दवाई ।कर लो क़ाबू हो पाए तो ,या तय कर लो अपनी विदाई।— Sharda Rathore (@shardarathore1) February 23, 2021
मध्यम वर्ग का हाल कहूँ क्या,हाय महंगाई तूने नींद उड़ाई ।पहले तू होती थी डायन ,अब बन गई साहब की ताई ।तेरे बढ़ते मुख को देख कर ,भारत की जनता घबराई ।पैट्रोल डीज़ल ने तोड़ दिया,रसोई गैस भी आफ़त लाई ।सरसों का तेल जो उछला तो ,चीनी-चावल ने क़यामत ढाई ।-शारदा राठौर #महंगाई pic.twitter.com/dP91eNlvk7— Sharda Rathore (@shardarathore1) February 23, 2021
आपको बता दें कि शारदा राठौर एक तेज तर्रार वक्ता हैं। कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पद पर रह चुकी हैं और शेरनी जैसे दहाड़ती हैं इसलिए उन्हें बल्लबगढ़ की शेरनी भी कहा जाता है। उनकी एक आवाज पर आज भी बल्लबगढ़ में हजारों लोग इकट्ठे हो जाते हैं।
शारदा राठौर ने इस ट्ववीट में बच्चों के पढाई का जिक्र किया है। आपको बता दें कि गरीबों के घर में अधिकतर एक ही स्मार्ट फोन है अगर उनके दो या तीन बच्चे हैं तो कॉरोनकाल में एक ही बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई कर सका क्यू कि मोबाइल एक था , हमें हरियाणा अब तक को जानकारियां मिल रहीं हैं क़ि जिन गरीबों के बच्चों ने स्मार्ट फोन न होने से एक दिन भी ऑनलाइन पढ़ाई नहीं की उन बच्चों से पूरे साल की फीस माँगी जा रही है। यहाँ तक कि कई महीने स्कूल बंद थे। बिजली भी ज्यादा खर्च नहीं हुई होगी, टीचर्स भी निकाल दी गए उस दौरान लेकिन सबका खर्च गरीबों के बच्चों से वसूला जा रहा है। हरियाणा में तो अधिकतर ऐसा ही हो रहा है। निजी स्कूल वालों को लूट की छूट दे दी गई है।
जल्द शारदा राठौर इस मुद्दे को लेकर पूरे फरीदाबाद के अभिभावकों के साथ एक बैठक करने वाली हैं और उनकी ये बैठक भी इतिहास रचेगी। 50 हजार से एक लाख लोग इस बैठक में पहुँच सकते हैं।
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