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सरकार पर सबसे पहला हक जरूरतमंद का - मनोहर लाल

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चंडीगढ़ 22 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य न केवल अंत्योदय के विजऩ को साकार करना है बल्कि जन-जन तक यह संदेश पहुंचाना भी है कि सरकार पर सबसे पहला अधिकार जरूरतमंद व्यक्ति का है। इसी दिशा में बढ़ते हुए सरकार ने अपनी तरह की पहली महत्वकांक्षी योजना ‘परिवार पहचान पत्र’ को लागू किया है, जिसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।

 मनोहर लाल कल देर सायं मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगियों की बैठक ले रहे थे। बैठक में सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं जैसे परिवार पहचान पत्र, ई-ऑफिस, अंत्योदय सरल, प्ले-वे स्कूल, महिलाओं की सुरक्षा, सक्षम हरियाणा व स्किल डेवलपमेंट इत्यादि पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने सुशासन सहयोगियों का मार्गदर्शन किया और इस वर्ष के लिए सरकार की मुख्य योजनाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि 5 वर्षों से सीएमजीजीए कार्यक्रम जमीनी स्तर पर योजनाओं और सेवाओं के वितरण में सकारात्मक परिणाम देता रहा है। इस वर्ष कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान आए संकट की घड़ी में भी सभी सुशासन सहयोगियों ने बेहतरीन कार्य किया है जो सराहनीय है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि  1 अप्रैल 2021 से एक अनूठी योजना को क्रियान्वित किया जाएगा जिसके तहत परिवार पहचान पत्र पोर्टल पर प्रदेश में सबसे कम पारिवारिक आय वाले ऐसे 1 लाख गरीब परिवारों का चयन किया जाएगा, जिनकी पारिवारिक आय एक लाख से कम है। ऐसे परिवारों की पारिवारिक आय को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ऐसे परिवारों के सदस्यों का कौशल विकास करने, जिनके पास रोजगार नहीं हैं उन्हें निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर मुहैया करवाने और वित्तीय सहायता प्रदान करने पर जोर देगी। साथ ही, सरकारी कार्यालयों में आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 के तहत रोजगार देने के साथ-साथ यदि किसी परिवार का कोई पैतृक कार्य है तो उसे प्रोत्साहन देने के लिए भी सरकार द्वारा सहयोग किया जाएगा।
उन्होंने कहा की सुशासन सहयोगी जिलों में परिवार पहचान पत्र बनाने के कार्य में तेजी लाएं ताकि सरकार की हर जरूरतमंद की कल्याण की योजना को जमीनी स्तर तक ले जाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार विकास के साथ-साथ इज ऑफ लिविंग की ओर आगे बढ़ रही है ताकि आम जन खुशहाल और समृद्ध बन सके।

किसान मित्र योजना
श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार छोटी जोत के किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आय बढऩे के साथ-साथ किसानों का वित्तीय प्रबंधन सही हो इसके लिए सरकार ‘किसान मित्र योजना’ लाएगी। इसके तहत एक व्यक्ति स्वैच्छिक रूप से आगे 100 किसानों को वित्तीय प्रबंधन के बारे में बताएगा।

वन मित्र योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के साथ-साथ पर्यावरण को बचाए रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। इसके उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार की ‘वन मित्र योजना’ लाने की तैयारी में है। इस योजना के तहत व्यक्ति नए पेड़ लगाएगा और पेड़ों की देखरेख व सुरक्षा करेगा। इस योजना के सफल क्रियान्वयन से प्रदेश में वन क्षेत्र में तेजी से वृद्धि होगी।

खेलों को और अधिक बढ़ावा
श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा देश में खेल हब बन रहा है और प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। हर गांव में योग व व्यायामशालाएं बनाई जा रही हैं और इनके साथ वैलनेस सेंटर को जोड़ा जाएगा ताकि नागरिक बीमार ना हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ‘फिट इंडिया’ की कल्पना की थी ताकि हर व्यक्ति तंदरुस्त रहे। इसी दिशा में वैलनेस सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई गई थी। उनकी इसी कल्पना को साकार करने की दिशा में प्रदेश सरकार तेजी से कार्य कर रही है।
उन्होंने सुशासन सहयोगियों को कहा की सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक ले जाने में सहयोग करने के लिए तकनीक का उपयोग करते हुए नवीन रणनीति तैयार करें।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव और सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि 5 वर्ष पहले शुरू हुआ मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम अभिनव व अनूठा प्रयोग है और इसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं। सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण बन गई है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से एक ओर जहां सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को मजबूती मिलती है वहीं दूसरी ओर सुशासन सहयोगियों को सरकारी कामकाज का एक अनूठा अनुभव मिलता है।
बैठक में सरकार की प्रमुख योजनाओं की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी  दी गई। ई-ऑफिस के सफल क्रियान्वयन पर प्रकाश डालते हुए सुशासन सहयोगियों ने बताया कि ई-ऑफिस के लिए 18,000 सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया। 80 से ज्यादा विभाग और 800 से अधिक जिला कार्यालय अब ई-ऑफिस पर आ गए हैं। ई-ऑफिस पर अब तक 1 लाख से अधिक फाइलें और 3 लाख से अधिक ई- रसीद 15 लाख से भी अधिक बार मूव हुई हैं। राज्य मुख्यालय और जिला मुख्यालय पर सभी सरकारी कार्यालयों में 95 प्रतिशत से अधिक लोगों ने पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए फाइलों का डिजिटल प्रसंस्करण शुरू किया है।
बैठक में बताया गया कि कौशल की गुणवत्ता में सुधार लाने और युवाओं को रोजगार व अप्रेंटशिप के अवसरों से जोडऩे के लिए भी कार्य किए गए। दोहरी प्रणाली प्रशिक्षण (डीएसटी) के माध्यम से 3700 से अधिक आईटीआई छात्रों को उनके कौशल से संबंधित व्यावहारिक उद्योग का अनुभव प्रदान करने के लिए 100 से अधिक उद्योग पार्टनर्स के साथ 175 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
महिला सुरक्षा के दृष्टिगत कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीडऩ (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम का अनुपालन करते हुए सभी जिला सरकारी कार्यालयों में 870 से ज्यादा आंतरिक शिकायत समितियों (आईसीसी) और स्थानीय शिकायत समितियों (एलसीसी) का गठन किया गया है।
बैठक में बताया गया कि दिसंबर 2020 में शुरू हुए जिला पायलट ‘नो योर हीमोग्लोबिन (एचबी) अभियान’ एक नया मील का पत्थर साबित हुआ है। अब तक इस अभियान के तहत 8,165 महिलाओं और बच्चों का परीक्षण किया जा चुका है और 48,000 से अधिक आईएफए टैबलेट वितरित की गई हैं। आगे भी राज्य में एनीमिया से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी बड़े स्तर पर काम करेंगे। इसके अलावा, अंत्योदय सरल, स्वच्छ सर्वेक्षण पर की जा रही प्रगति की भी विस्तार से जानकारी दी गई।
बैठक में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता, श्री विनीत गुप्ता ट्रस्टी अशोका विश्वविद्यालय, सीएमजीजीए को सीएसआर के माध्यम से सहयोग देने वाली पार्टनर कंपनियों के प्रतिनिधि और राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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