फरीदाबाद,25 जनवरी। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि बिजली संशोधन बिल 2020 पास हुआ तो बिजली पर कारपोरेट घरानों का कब्जा हो जाएगा। सब्सिडी व क्रास सब्सिडी समाप्त हो जाएगी और बिजली की दरों में भारी बढ़ोतरी होगी। जिसके कारण बिजली किसानों व गरीब उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि देशभर के करीब 15 लाख बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर इस देश विरोधी, किसान, गरीब व कर्मचारी विरोधी बिजली संशोधन बिल के खिलाफ 3 फरवरी को राष्ट्रव्यापी सांकेतिक हड़ताल करेंगे। उन्होंने यह ऐलान सोमवार को चिमनीबाई धर्मशाला में हड़ताल को सफल बनाने के लिए आयोजित सर्कल स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किया। सम्मेलन की अध्यक्षता आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के सर्कल सचिव अशोक कुमार ने की। केन्द्रीय कमेटी के नेता शब्बीर अहमद गनी द्वारा संचालित इस सम्मेलन में बल्लभगढ़, ग्रेटर फरीदाबाद,ओल्ड फरीदाबाद व एनआईटी फरीदाबाद की यूनिटों की सब यूनिटों के सैकड़ों पदाधिकारियों एवं सक्रिय कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
सम्मेलन में अतिरिक्त सर्कल सचिव रामचरण, पूर्व सर्कल सचिव लज्जा राम, पूर्व यूनिट प्रधान रामभरोसे व फूलमन, एसकेएस के खंड प्रधान करतार सिंह भी मौजूद थे। सम्मेलन में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को सीधे निगमों के पे-रोल पर कर पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, एनपीएस रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल करने,डीए व एलटीसी पर लगाई रोक को हटाने,आन लाइन ट्रांसफर पालिसी को वापस लेने,एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में आयु व सर्विस की लगाई गई शर्तो को हटाने, निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाने व खाली पड़े पदों को भरने की मांग की। उन्होंने तीन कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल को रद्द करवाने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया और केन्द्र सरकार से अड़ियल रवैए छोड़ कर कृषि कानूनों को रद्द कर आंदोलन को समाप्त करवाने की मांग की।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष व एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि बिजली संशोधन बिल 2020 अभी पास नही हुआ है। लेकिन इससे पहले ही केन्द्र सरकार ने स्टैंडर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट्स के माध्यम से चंडीगढ़ सहित केन्द्र शासित प्रदेशों में बिजली निजीकरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। उन्होंने कहा कि 3 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में केन्द्र शासित प्रदेशों और राज्य पावर युटिलिटीज में ट्रांसमिशन, वितरण व जनरेशन का केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड व हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड की तरह एकीकृत करने, केन्द्र शासित प्रदेशों सहित राज्यों में जारी बिजली निजीकरण की प्रक्रिया पर तूरंत रोक लगाने, प्री मेच्योर रिटायरमेंट के आदेश को वापस लेने,पावर सेक्टर में खाली पड़े पदों को स्थाई भर्ती से भरने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
सम्मेलन में आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के यूनिट स्तरीय नेता रमेश चंद तेवतिया, कृष्ण कुमार, कुलबीर राठी,भूप सिंह, गिरीश राजपूत, करतार सिंह, सतीश छाबड़ी, दिनेश शर्मा,असरफ खान व डिगंबर सिंह मौजूद थे।
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