फरीदाबाद- निकिता हत्याकांड 2020 का एक बड़ा मामला था। इस हत्याकांड के बाद देश के दो राज्यों में लव जिहाद के खिलाफ क़ानून बने। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में इस क़ानून के तहत कई गिरफ्तारियां भी हुईं। हरियाणा में भी ये कानून बन रहा है। गृह मंत्री अनिल विज के बीमार होने के कारण आगे काम नहीं बढ़ सका। लगभग तीन महीने पहले निकिता की हत्या की गई थी और पुलिस ने अपनी तरफ से कोई कमी नहीं की और आरोपियों को तुरंत दबोचा लेकिन अब भाजपा फंस गई है क्यू कि हत्याकांड के बाद निकिता के घर पहुंचे भाजपा नेता बड़े- बड़े वादे किये और एक भी वादा नहीं निभाया।
कल निकिता के पिता सीएम से मिले और निराशा मिली, आज फरीदाबाद के सांसद की चौखट से भी निकिता के परिजनों को निराशा ही मिली। निकिता तोमर के परिजन सरकार से बहुत दुखी हैं ,निकिता के पिता मूलचंद तोमर ने केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के आफिस के बाहर मीडिया से बात करते हुए आत्महत्या की बात की। इसके पहले फरीदाबाद में सुनपेड़ काण्ड में सरकार पीड़ित की आर्थिक सहायता कर चुकी है। सुनपेड़ काण्ड फर्जी था और अब तब सीबीआई जांच ही कर रही है जबकि निकिता के मर्डर का वीडियो पूरे देश ने देखा।
आज निकिता के पिता ने जब आत्महत्या की बात की तब से शहर का माहौल कुछ और है। कल या एक हफ्ते में शहर में कुछ बड़ा हो सकता है। कुछ नेता भाजपा छोड़ सकते हैं। फरीदाबाद भाजपा और जजपा में उथल पुथल हो सकती है। भाजपा पर वादा खिलाफी भारी पड़ सकती है।निकिता हत्याकांड का फायदा भाजपा ने बरोदा उप चुनाव में उठाने का प्रयास किया था लेकिन कामयाबी नहीं मिली। आने वाले दिनों में फरीदाबाद की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है जिससे भाजपा का बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। आज अगर विधानसभा चुनाव हो जाएँ तो फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के एक से ज्यादा सीट नहीं मिलेगी। लोकसभा चुनाव हों तो भी भाजपा को नाकों चने चबाने पड़ेंगे।
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