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हरियाणा की जेलों में अब अपनी  फरमाइश पर गीत और कहानी सुन सकेंगे कैदी और बंदी 

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चंडीगढ़, 16 जनवरी- हरियाणा के जेल मन्त्री  रणजीत सिंह ने आज पानीपत की जिला जेल में राज्य के पहले जेल रेडियो की शुरुआत की है ताकि बंदियों के जीवन में सुधार व कुछ नयापन लाने का प्रयास किया जा सके।जेल मंत्री ने हरियाणा की सबसे नई पानीपत की जेल में आज जेल रेडियो की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की और कहा कि जेल रेडियो की यह कोशिश जेलों को सुधार गृह बनाने की तरफ एक बहुत बडा कदम है।

 उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम के आने से एक प्रकार से नए साल की शुरुआत हरियाणा की जेलों के लिए खुशियां लेकर आई है। पानीपत जेल रेडियो का उद्घाटन हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह, जेल, आपराधिक अनुसंधान एवं न्याय, प्रशासन विभाग), महानिदेशक के.सेल्वराज (हरियाणा कारागार ) और तिनका-तिनका फाउंडेशन एवं लेडी श्रीराम कालेज में पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डा.वर्तिका नंदा और श्री देवी दयाल, सुपरिटेंडेंट, पानीपत जेल की मौजूदगी में किया गया। गत दिसंबर 2020 में फरीदाबाद, अंबाला और पानीपत जेल में बंदियों की ट्रेनिंग कराई गई थी।तिनका-तिनका फाउंडेशन ने जेल रेडियो स्टेशन शुरू कराने के लिए पहल की है। 

 हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोडा ने कहा कि जेल रेडियो की वजह से जेलों में संवाद की कमी पूरी होगी। हरियाणा जेलों के महानिदेशक श्री के.सेल्वराज ने कहा कि बहुत जल्द जिला जेल फरीदाबाद और केंद्रीय जेल अंबाला में भी जेल रेडियो शुरु कर दिए जाएंगे।

   तिनका-तिनका फाउंडेशन एवं लेडी श्रीराम कालेज में पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डा.वर्तिका नंदा ने बताया कि रोजाना एक घंटे का कार्यक्रम प्रसारित होगा। यह कार्यक्रम पूरी तरह से जेल की गतिविधियों पर केंद्रित होगा और बंदी ही कलाकार होंगे। हरियाणा में इस समय करीब 18 हजार बंदी जेलों में हैं। पानीपत जेल में फिलहाल 940 बंदी हैं। पहले चरण में पानीपत जेल के छह बंदियों को रेडियो जाकी बनने का मौका मिला है। इन्हें रेडियो जाकी की टीशर्ट और रेडियो स्किल ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट भी सौंपा गया गया।

 जेल रेडियो स्टेशन स्थापित करने का उद़देश्य बंदियों के जीवन में बदलाव लाना है। वर्कशाप के दौरान ही देखा गया है कि बंदियों में काफी सकारात्मक बदलाव आए हैं। वे अपने बारे में बताने लगे हैं। उनका कहना हैं कि अपराध की दुनिया से बाहर निकलकर उन्हें समाज के साथ घुलमिलकर रहना है क्योंकि जेल रेडियो ने उन्हें नई जिंदगी दी है। जेल रेडियो के माध्यम से उनके अंदर छिपी प्रतिभा सामने आएगी। पहले दिन बंदियों को उनकी ही आवाज में रिकार्ड किया गया कार्यक्रम सुनाया गया। एक घंटे के इस कार्यक्रम में रेडियो जाकी बंदियों की ही आवाज सुनाई गई।

बैरक में सुन सकेंगे रेडियो

यह जेल रेडियो पूरी तरह से जेल का आतंरिक रेडियो स्टेशन होगा। बैरकों के बाहर स्पीकर लगाए गए हैं। रेडियो जाकी रोजाना अपने अनुभव साझा करेंगे व प्रेरक कहानी सुनाएंगे तथा फरमाइश पर गीत सुनाएंगे और बंदियों की तरफ से पूछे जाने वाले सवालों के जवाब देंगे। ये सवाल पर्ची के माध्यम से पूछे जाएंगे।

तिनका-तिनका फाउंडेशन की पहल

 तिनका-तिनका फाउंडेशन ने जेल में रेडियो स्टेशन स्थापित करने की पहल की है। फाउंडेशन की संस्थापक डा.वर्तिका नंदा ने बताया कि उन्होंने तिहाड़ जेल में यह व्यवस्था देखी थी। तभी सोचा था कि अन्य जेलों में ऐसी शुरुआत कराएंगी। हरियाणा में उनकी पहल पर यह स्टेशन लग रहा है। जिला जेल, आगरा में 2019 में तिनका-तिनका फाउंडेशन ने जेल रेडियो स्थापित किया है। यह तिनका माडल आफ प्रिजन रिफार्म के तौर पर दूसरी कई और जेलों में स्थापित किया जाएगा।

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