नई दिल्ली- किसान और सरकार में बातचीत असफल होने से दिल्ली की कई सीमाओं के आस पास के छोटे उद्योगपति बहुत दुखी हैं। कई महीने तक कोरोना के कारण उनका काम धंधा ठप्प था और अब थोड़ा बहुत काम चलने लगा था लेकिन किसान आंदोलन के कारण फिर उनका काम ठप्प हो गया है। लगभग तीन हजार उद्योगपति और डेढ़ लाख के आस-पास मजदूरों का बुरा हाल है। जिस तरह किसान बोल रहे हैं कि वो कई महीने का राशन लेकर आये हैं उसे देखते हुए इन उद्योगों में काम करने वाले मजदूर अब पलायन करने लगे हैं। यूपी-बिहार जाने वाली बसों में खड़े होकर ये मजदूर पलायन कर रहे हैं। बसों में अगर 60 सीटें है तो 80 से ज्यादा लोग जा रहे हैं।
सीमायें जाम होने से उद्योगों में कच्चा माल न पहुँचने के कारण कई दिनों से उद्योग बंद पड़े हैं। बार्डर जाम होने से कई तरह की सब्जियां भी दिल्ली नहीं पहुँच पा रहीं हैं और स्थानीय मंडियों में अब कौड़िओं के भाव बिक रहीं हैं। दो दिन में आलू के दाम कई मंडियों में आधे हो गए हैं। दो-तीन दिन पर पहले 50 रूपये किलो बिकने वाली आलू अब 20 से 25 रूपये प्रति किलो बिकने लगी है। हरी सब्जियों की बात करें तो थोक में पालक 10 रूपये की 15 से 20 गड्डी बिक रही है और अन्य हरी सब्जियां बहुत सस्ते भाव पर बिकने लगीं हैं।
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