चंडीगढ़, हरियाणा के सोनीपत और पानीपत में जहरीली शराब से कितनी मौतें हुईं हैं इसका आंकड़ा सत्ताधारी पार्टी कुछ और बता रही है जबकि कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता लगभग 40 लोगों की मौत बता रहे हैं कोई इससे ज्यादा तो कोई एक दो कम जबकि किसी किसी गांव में कई मौतें हुई हैं जिन गांवों में मातम पसरा है और इन गावों में इस बार दीवाली नहीं मनेगी। इस शराब कांड को लेकर फरीदाबाद के वरिष्ठ वकील राजेश खटाना ने एक खुलासा किया है। एडवोकेट खटाना का कहना है कि उनके पास प्रदेश के लगभग हर जिले के मुअक्किल हैं और सोनीपत और पानीपत के लोगों ने ही उन्हें बताया कि वहां सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। शराब के रूप में जहर बेंचा जा रहा है।
एडवोकेट खटाना के मुताबिक उन्हें वहां के लोगों ने बताया कि उन जिलों में नकली शराब फैक्ट्री में नामी कंपनियों की नकली शराब बनाने का गोरखधंधा चल रहा है । फैक्ट्री में सस्ती अंग्रेजी और देशी शराब को एक टंकी में भरा जाता है इसके बाद सस्ती शराब में स्पिरिट, पानी और दूसरे केमिकल मिलाए जाते हैं । और इसके बाद तैयार माल को ब्रांडेड कंपनियों की शराब की खाली बोतले में भरकर नया कैप, औऱ स्टीकर लगाकर बेच दिया जाता है। ये खेल कुछ खास लोग कर रहे हैं जिन्हे सत्ताधारी पार्टी का समर्थन मिला है। यही वजह है कि दोनों जिलों में हाहाकार मचा हुआ है क्यू कि जो लोग शराब अच्छी ब्रांड की पीते हैं उन्हें भी जहर पिलाया जा रहा है और लोग बेमौत मर रहे हैं।
एडवोकेट खटाना ने हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार पर सवाल उठाया कि इन शराब माफियाओं के आका दुष्यंत और खट्टर हैं। उन्होंने कहा कि इन जिलों में ये खेल कई वर्षों से चल रहा है फिर भी सत्ताधारी खामोश हैं। खुद को गब्बर कहलाने वाले गृह मंत्री नकली गब्बर हैं।
एडवोकेट खटाना ने कहा कि इस सरकार की नाकामी के कारण ही जाट आंदोलन में लगभग तीन दर्जन जाट भाइयो की जान गई, राम रहीम काण्ड में भी ये सरकार फेल रही और उस समय भी लगभग इतने लोगों की ही जान गई और ये सरकार चुपचाप राम रहीम को पेरोल देने लगी है। एडवोकेट खटाना ने कहा कि जाट आंदोलन और राम रहीम काण्ड में जितने लोगों की जान गई उसने ज्यादा जानें दो जिलों में जहरीली शराब ने ले ली है। कुल मिलकर खट्टर ने इन तीन काण्डों में सैकड़ों लोगों की जान ले ली है। उन्होंने हरियाणा के लोगों से अपील की है कि इन्हे जल्द भगाओ।
एडवोकेट राजेश खटाना ने कहा कि मनोहर लाल हरियाणा नहीं संभाल पा रहे हैं। राइट टू रिकॉल इनके लिए भी लागू होना चाहिए। अगर ये अगले चार वर्षों तक हरियाणा के सीएम रहे तो बहुत सारे बेगुनाह इनकी कमजोरी और गलत नीतियों के कारण बेमौत मरेंगे। उन्होंने कहा कि ये हरियाणा को तवाह कर रहे है ,विकास के लिए कर्ज लेते हैं और प्रदेश का विनाश हो रहा है। पैसे इनके नेता और अधिकारी डकार ले रहे हैं ,प्रदेश की जनता कर्जदार न चाहे हुए भी हो रही है। हर वर्ग परेशान है ,ये अपनी पीठ खुद थपथपाते हैं। खटाना ने कहा कि हरियाणा के लोग सावधान रहें खासकर किसान भाई क्यू कि अब खट्टर और उनके बड़े नेताओं की नजर किसानो की जमीनों पर है और खट्टर के आका जबरन एक काला कानून लाकर किसानों की जमीन को अपने प्रिय अडानी और अम्बानी को सौंपना चाहते हैं।
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