चंडीगढ़ -हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया गया है। यह संशोधन संवैधानिक प्रावधानों को अमल में लाने तथा ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों तथा जिला परिषदों में लिंग के सम्बन्ध में पर्याप्त और समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए पंचायती राज संस्थाओं के सभी तीनों स्तरों में महिलाओं की भागेदारी बढ़ाने के लिए किया गया है।
यह संशोधन संरपचों तथा पंचायत समिति एवं जिला परिषद के सदस्यों के पद के लिए ‘क’ श्रेणी से सम्बन्धित पिछड़े वर्ग को आरक्षण प्रदान करना भी प्रस्तावित करता है। यह प्रगतिशील परिवर्तन पिछड़े वर्गों में अधिक वंचितों के सशक्तिकरण तथा उत्थान में मदद करेगा।
यह संशोधन किसी निर्वाचित सरपंच, पंचायत समिति तथा जिला परिषद के सदस्यों की अपने मतदाताओं के प्रति जवाबदेही बढ़ाने के लिए वापिस बुलाने के उपबन्ध का प्रावधान करता है। इस प्रावधान का आशय पंचायती राज संस्थाओं में शासितों के प्रति शासन की लोकतान्त्रिक जवाबदेही को बढ़ाना है।
हरियाणा लोक वित्त उत्तरदायित्व (संशोधन) विधेयक, 2020
हरियाणा लोक वित्त उत्तरदायित्व अधिनियम, 2019 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा लोक वित्त उत्तरदायित्व (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया गया है।
सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, सहकारी समितियों, विश्वविद्यालयों, स्थानीय प्राधिकरणों, निकायों, सार्वजनिक संस्थानों और राज्य सरकार, गैर-सरकारी संगठनों द्वारा स्थापित, नियंत्रित या वित्तपोषित, जो राज्य सरकार से अनुदान सहायता या अंशदान प्राप्त करते हैं और वे सभी निकाय जो किसी भी रूप में राज्य सरकार से सार्वजनिक धन प्राप्त करते हैं, वे संगठन जो राज्य के समेकित कोष से धन प्राप्त करते हैं, में उपयुक्त वैधानिक लेखा और आंतरिक लेखा परीक्षा प्रणाली के माध्यम से जवाबदेही की सुविधा के लिए एक कुशल और प्रभावी प्रणाली के माध्यम से राज्य के वित्तीय प्रशासन में जवाबदेही प्रदान करने के लिए यह विधेयक लाया गया है।
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