नई दिल्ली- बिहार में किसकी बनेगी सरकार ये तो 10 नवम्बर को वोटों की गिनती के बाद ही पता चलेगा। Exit Poll की रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि महागठबंधन को एनडीए से ज्यादा सीटें मिलेंगी और तेजस्वी मुख्य्मंत्री बन सकते हैं। ABP न्यूज-C वोटर के एग्जिट पोल ने एनडीए: 104-128 सीटें, महागठबंधन: 108-131 सीटें, एलजेपी: 1-3 सीटें अन्य: 4-8 सीटें बताई हैं। कई अन्य एग्जिट पोल्स में महागठबंधन को बढ़त बताई जा रही है। सट्टा बाजार भी तेजस्वी को कमजोर नहीं बता रहा है।
अगर एनडीए को उम्मीद के मुताबिक़ सफलता न मिली तो इसका प्रमुख कारण सीएम नितीश कुमार से जनता की नाराजगी होगी। बिहार की बात करें तो राज्य में शराबबंदी है लेकिन हर दो-तीन किलोमीटर पर ब्लैक में शराब बिक रही है। शराबबंदी को फेल बताया जा रहा है। बेरोजगारी का मुद्दा तेजस्वी यादव ने जमकर भुनाया है और युवा मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित किया है।
तेजस्वी यादव ने एक-एक दिन में 10 रैलियों तक को सम्बोधित किया है और खेती, किसान, युवा, बेरोजगारी, मंहगाई का मुद्दा उठाया और मंहगाई डायन को भाजपा की भौजाई तक बताया। सीएम कौन बनेगा ये तो मतों की गिनती के बाद ही पता चलेगा लेकिन तेजस्वी नेता जरूर बन गए हैं। बिहार को तेजस्वी के रूप में युवा पीढ़ी का मिल गया है। लोक जन शक्ति पार्टी के चिराग पासवान ने चुनावों में कुछ अलग किया। मोदी की तारीफ़ की और नितीश को जमकर घेरा। चिराग भी युवा नेता हैं और कहा जा रहा है कि अपने स्वर्गीय पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री राम बिलास पासवान की राजनीतिक विरासत संभाल सकते हैं। केंद्र में मंत्री बनने के भी चांस हैं इसलिए उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोला।
पीएम मोदी ने कई रैलियों को सम्बोधित किया था लेकिन अब वो जादू नहीं रहा। योगी से भी कई रैलियों को सम्बोधित करवाया गया। योगी हर रैली में राम-राम और राम मंदिर करते रहे। देखते हैं इसका कितना फायदा मिलता है।
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