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SPS- बरोदा में योगेश्वर नहीं खट्टर हार गए

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हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

नई दिल्ली/ चंडीगढ़: देश के लोग योगेश्वर दत्त की बरोदा में लगभग सवा साल में दो बार हार पचा नहीं पा रहे हैं। शायद उनका कारण है कि योगेश्वर दत्त ने कई बार अपने देश का नाम रोशन किया था और तिरंगे का मान सम्मान बढ़ाया था। योगेश्वर दत्त की बात करें तो उनका जन्म: 2 नवंबर 1982 को हुआ था और ऑलंपिक्स में कुश्ती की 60 किग्रा फ़्रीस्टाइल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था।  स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 में योगेश्वर दत्त ने 65  किलोग्राम भार वर्ग में फ्रीस्टाइल कुश्ती में कनाडाई पहलवान को हराकर भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता।2012 में भारत सरकार द्वारा इन्हें राजीव गाँधी खेल रत्न का सम्मान दिया था। सब कुछ ठीक चल रहा था। हरियाणा सरकार ने उन्हें डीएसपी के पद से पदोन्नत किया था तभी उन्हें नेता बनने का भूत सवार हुआ और पिछले साल भी उन्होंने बरोदा से चुनाव लड़ा और हार गए। इस बार और ज्यादा वोटों से हारे। राजनीति के अनाड़ी खिलाड़ी से उन्हें इस बार मात मिली। एक अंतर्राष्ट्रीय पहलवान बुरी तरह राजनीति के अखाड़े में चित हो गया। हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओपी धनकड़ ने कहा कि योगेश्वर दत्त की हार अभिमन्यु वध जैसा है। धनकड़ घिर भी रहे हैं। इस बयान पर लोग उन्हें खरी खोटी सुना रहे हैं। ओपी धनकड़ पिछले साल हरियाणा के बड़े मंत्री थे लेकिन चुनावों में वो भी चित हो गए थे। 
पिछले साल की बात करें तो  बीजेपी के कुल 12 मंत्री थे।  राव नरबीर और विपुल गोयल का टिकट काट दिया गया था। बचे 10  मंत्रियों में से 8 चुनाव हार गए थे।  विज और बनवारी लाल ही जीत सके थे।  बीजेपी के हरियाणा संगठन के कैप्टन सुभाष बराला भी बुरी तरह हारे थे। क्या ये सब वध थे या किसी की बड़ी कमी के कारण ये मंत्री चुनाव हार गए थे। बड़े सवाल उठ रहे हैं। 

ये मंत्री उस समय क्यू हारे और आज योगेश्वर दत्त दुबारा क्यू हारे। ये बातें जानना जरूरी है। जहाँ तक मुझे पता है उसके मुताबिक़ जाट बेल्ट खट्टर से नाराज था और है इसलिए बरोदा में जाट बेल्ट भालू के साथ दिखा और कांग्रेस की जीत हुई। इनेलो और भाजपा ने भी जाट को मैदान में उतारा था लेकिन खट्टर के कारण भाजपा के जाट पहलवान को लोगों ने  भाव नहीं दिया। इनेलो को कमजोर मान जोगेंद्र मलिक को भी  जाटों ने भाव नहीं दिया। 
बरोदा कोई शहर नहीं है। बड़े किसान ज्यादा हैं और हमने जब वहाँ का दौरा किया तो किसान खट्टर सर्कार से कृषि अध्यादेशों पर नाराज दिखे थे। हमने कई गांवों का उस समय वीडियो भी पोस्ट किया था। 

पहलवान योगेश्वर दत्त की हार का दूसरा बड़ा कारण खट्टर ही हैं जो 6 साल से चिल्ला रहे हैं कि ना खाऊंगा न खाने दूंगा और इस दौरान कई खब्बुओं की तोंद और बढ़ गयी है। जनता घर से निकलती है तो जगह जगह पर खाने वाले ही मिलते हैं। न खिलाओ तो कोई काम नहीं होता, दौड़ते रहो कई दिनों तक। पहले से ज्यादा खाया जा रहा है। 
एक और बड़ा कारण है कि चुपचाप किया जा रहा एक बड़े कांड के बारे में हरियाणा की जनता को पता चल चुका है। अधिकारियों के तबादलों के पहले आरएसएस नेताओं के कुछ लोगों के पास फोन आते हैं और माल माँगा जाता है और कहा जाता है कि मनचाही पोस्ट के लिए इतना लगेगा। 

एक और कारण है कि प्रदेश में अधिकांश सफाई और अन्य तरह के ठेके खट्टर या उनके नेताओं के चाहने वालों के पास हैं जो लाखों ले रहे हैं और सफाई नहीं करवाते। वो दाल में नमक नहीं, नमक में दाल खा रहे हैं। इस कारण कई बड़े शहरों की जनता प्रदूषण से बेमौत मर रही है। कोरोना भी बढ़ता जा रहा है। फरीदाबाद, गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों में कोरोना तांडव मचा रहा है। मजबूरन समय से ज्यादा समय तक ड्यूटी करने वाले तमाम पुलिस अधिकारी भी बुखार से कराह रहे हैं। प्रदूषण भी झेल रहे हैं क्यू कि उन्हें रात दिन काम करना पड़ता है। सड़कों पर रहना पड़ता है और सड़कों की बात बात करें तो फरीदाबाद गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों में सैकड़ों करोड़ आये और सड़को पर धुल ही धुल है। पैसा कहाँ गया कुछ पता नहीं। 

पहले एक मैडम मुख्य सचिव थीं उन्होंने कहा कि सड़कों पर गड्ढे नहीं दिखेंगे ,उन्होंने गड्ढों को भरने का आदेश दिया लेकिन आदेश कागजी निकला। अब विजय वर्धन को मुख्य सचिव बनाया गया। वो भी आते ही मैडम जैसे आदेश दिए लेकिन उनका आदेश भी कागजी साबित हो रहा है। एक दो नहीं खट्टर सरकार में सौ से ज्यादा कमियां हैं इसलिए आज एक अंतर्राष्ट्रीय पहलवान के घर में दुःख का माहौल होगा , योगेश्वर की कोई गलती नहीं है ,गलती खट्टर की है जो बगुला भगत बने बैठे हैं। तालाब की मछलियां लूट ली जा रहीं हैं। भ्रष्ट अधिकारी तांडव मचा रहे हैं। 

कई भ्रष्ट नेता भी खट्टर-खट्टर का जाप कर रहे हैं। अपनी सात पुश्तों के लिए जुआड़ कर रहें हैं ,कइयों ने तो कर भी लिया है। खट्टर को भ्रष्टाचारियो का मसीहा बताया जा रहा है। अभी कुछ मिनट पहले मैंने अपने पाठकों से पूंछा था कि  बरोदा में योगी दुबारा क्यू हारे ,लोगों का  है कि ये योगेश्वर नहीं खट्टर की हार है। लोगों का कहना है योगे ने पार्टी गलत पकड़ ली। देखें कुछ प्रतिक्रियाएं, ज्यादा पढ़नी हो तो हमारे फेसबुक पेज पर जाएँ 





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