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बड़े भाई के कपडे पहन कई दिन से कथा वाचते हैं ये पंडित जी, हरियाणा से चुने गए हैं विधायक 

Ramkatha-At-NIT-Faridabad
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फरीदाबाद। श्रीराम कथा के  चौथे दिन कथावाचक श्री हरिमोहन गोस्वामी जी ने कहा भगवान स्वयं चाहते हैं कि मैं भी मनुष्य रूप में दुनिया देखंू। जो आनंद मनुष्य बनने में हैं वो देवता बनने में नहीं हैं। इसलिए भगवान राम माता कौसल्या के आंगन में मनुष्य रूप में अवतरित हुए। कथावाचक ने कहा कि मनुष्य के देवता होने का क्या अर्थ हैं, क्या उसकी स्वर्ग में जमीन हैं। मनुष्य, देवता गुण से बनता है। गुणवान व्यक्ति को आज भी देवता ही कहा जाता है। समाज में या किसी धर्म में भी इसका अनुभव कर सकते हैं। संत ने रामकथा के मंच से मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन को सामने रखते हुए वर्तमान परिदृश्य को समझाने का प्रयास किया। वहीं कहा कि हमने अक्सर लोगों को बाहर के लोगों से हारते हुए नहीं देखा हैं, यदि आदमी हारा भी हैं तो घर के अंदर के लोगों से हारता है। कथा प्रसंग में जानकी विवाह का सुंदर चित्रण किया गया।

बता दें कि एनआईटी फरीदाबाद के विधायक पंडित श्री नीरज शर्मा जी ने इस जगत कल्याण की कामना से इस श्रीराम कथा का आयोजन किया है। कोरोना काल में तमाम  सुरक्षा निर्देशों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं को बैठने की व्यवस्था की गई है। जो भी श्रद्धालु यहां आते हैं वो अपने साथ मास्क और  सेनिटाइजर का उपयोग करते हैं। समाज के गणमान्य लोगों का टीम पंडित जी की ओर से सम्मान भी किया जा  रहा है। संध्या काल में आरती के बाद गणमान्य लोगों को अंगवस्त्र, फूलमाला आदि से दोनों कथावाचक की ओर से सम्मानित भी किया जा रहा हैै। 

कथावाचक पंडित श्री नीरज शर्मा ने कहा कि भवसागर से पार जाना चाहते हो तो राम नाम जपा करो। राम नाम ही भवसागर से पार निकाल सकता है। श्रीराम कथा का रसपान सभी को करना चाहिए। मौके पर नारद मोक्ष की कथा, श्रीराम जन्म कथा  प्रस्तुत किया गया।श्री राम कथा सुनने दूर-दूर से श्रद्धालुगण पहुंचे तथा कथा का आनंद लिए। श्रीराम कथा से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना रहा।

विधायक पंडित नीरज शर्मा ने कल कथा वाचन के दौरान एक बड़ा खुलासा किया और भाई प्रेम बताया। उन्होंने कहा कई लोग मुझसे कहते हैं कि नीरज जी आपके कपडे बड़े अच्छे हैं। मैंने उनसे कहा कि विधायक बनने के बाद मैंने पहले के कपडे पहनने बंद कर दिए। एक जोड़ी सफ़ेद कुर्ता पायजामा है। जब कथा वाचन का समय आया तो कोई कहता था ये पहनों  तो कोई कहता था वो पहनो। उसी समय मेरे भाई का बेटा आया और उसने कहा कि पापा के कपडे पहन लो। मैंने भाई के कपडे पहन कथा वाचन करने लगा। मेरा बड़ा भाई मुनेश शर्मा जिन्हे ऐसे कपडे पहनने का शौक है , देखें ये वीडियो, भाइयों में प्रेम ऐसा होना चाहिए 



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