नई दिल्ली- किसान अध्यादेश में किसानों का फायदा है ऐसा भाजपा नेताओं का कहना है। अगर ऐसा है तो भाजपा से बड़ी चूक ये हुई है कि किसानों तक इस फायदे के बारे में भाजपा कोई सन्देश नहीं पहुंचा पाई। वर्तमान में हरियाणा में जो चल रहा है उससे भाजपा का काफी नुक्सान होता दिख रहा है। प्रदेश के किसान सरकार से नाराज दिख रहे हैं। कुरुक्षेत्र में जो कुछ हुआ उससे किसानों में और नाराजगी है। अब जींद से खबर आ रही है कि वहाँ के जाट धर्मशाला में 19 किसान संगठनों की बैठक हुई है और बैठक में निर्णय लिया गया है कि 15 सितम्बर से हरियाणा के हर जिले के किसान आंदोलन करेंगे और 20 सितम्बर को तीन घंटों के लिए हाइवे जाम किये जाएंगे।
बैठक में मौजूद भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने मीडिया को बताया कि अगर फिर भी सरकार अध्यादेश वापस नहीं लेती तो 27 सितम्बर से एक यात्रा शुरू की जाएगी और आंदोलन में और लोगों को जोड़ा जाएगा। गुरनाम ने आरोप लगाया कि कुछ किसान संगठन सरकार से मिले हुए हैं।
बैठक में चढूनी ने हरियाणा के गृह मंत्री को नालायक बताते हुए कहा कि अनिल विज को सब पता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को मरवाने के लिए वहां सिविल ड्रेस में पुलिस को मोटे लट्ठ देकर भेजा था। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के लोग किसानों की चोटें देख रहे हैं और अनिल विज कहते हैं लाठीचार्ज ही नहीं हुआ। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनकड़ को किसानो का दुश्मन बताया और कहा जब ये सत्ता में नहीं थे तो स्वामीनाथन आयोग की वकालत करते थे। जब सत्ता में आये और कृषि मंत्री बने तो सब भूल गए और घमंड में खो गए।
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