बाबैन, 13 अगस्त राकेश शर्मा- सरकार औऱ प्रशासन तब तक नही जागता जब तक कोई हादसा या घटना नही होती भले ही ऑनलाइन प्रणाली पर जनता की समस्यों का निपटारा करने की बात कही जा रही लेकिन आज भी समस्या और जनता की खाई बढ़ती ही जा रही जिंसके कारण प्रशासन के दावों की पोल खुल ही जाती है । कुछ ऐसी ही समस्या से दो चार होना पड़ रहा है बाबैन निवासी बलविंदर सिंह को।
बाबैन निवासी बलविन्द्र सिंह व उनकी पत्नी शारीरिक तौर से बौने हैं और गांव मे ही दिहाडी मजदूरी करके अपना गुजर-बसर करते हैं। इस दंपति के पास एक बेटी भी हैं। बाबैन क्षेत्र में तीन दिनों से जारी बरसात के कारण बलविन्द्र सिंह के मिटटी के कच्चे मकान की छत ढह गई और छत का मलबा अन्दर गिरने से घर में रखे सामान का काफी नुकसान हो गया। गनीमत रही कि जब छत्त गिरी तो बलविन्द्र उसकी पत्नी व बच्ची बाहर होने के कारण सलामत बच गए।
गौरतलब है कि कांगे्रस के बाद भाजपा सरकार के छह साल के शासन में भी इस गरीब दंपति की कोई सुनवाई नहीं हुई। आधुनिकता के इस युग में भी यह दम्पत्ति आज भी मिटटी के खस्ताहाल मकान में रहने को विवश है। बाबैन सरपंच पद के चुनावों में उम्मीदवार लाखों रूपये खर्च देते हैं लेकिन अब तक कितने सरपंच आए और चले गए किसी ने भी बलविन्द्र की माली हालत का संज्ञान नहीं लिया। ग्राम पंचायत व बीडीपीओ कार्यालय के अधिकाारियों द्वारा इस गरीब दम्पत्ति के कच्चें मकानों के लिए आज तक क्यों ग्रॉट नहीं दिलवाई गई कई सवाल उठता है कि आखिरकार गांवों में सर्वे करने वाली टीमें क्या देखती है?
बलविन्द्र सिंह ने बताया कि उसने कई बार बाबैन सरपंच से लेकर आलाअधिकारियों के दरबार तक मकान को पक्का बनवाने की गुहार लगाई लेकिन उसकी किसी ने भी सुनवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि वह भूमिहीन गरीब दिहाडीदार व्यक्ति है और पति-पत्नी दोनों ही कद में बौने हैं फिर भी उनका नाम बीपीएल श्रेणी में नहीं है। उन्होंने कहाकि वह अपना नाम बी.पी.एल. लिस्ट डलवानें के लिए प्रयास करके हार गए है लेकिन किसी भी अधिकारी ने उसका नाम बीपीएल लिस्ट में नहीं डाला है जिसके कारण वह सरकार की अनेक सुविधाओं से वंचित है। उन्होंने कहाकि उनके मकान का कई बार अधिकाङ्क्षरयों ने सर्वें भी किया लेकिन पक्के मकान के लिए ग्रांट किसी ने भी नहीं दिलवाई। बलविन्द्र सिंह दंपति ने कुरुक्षेत्र के उपायुक्त से गुहार लगाई है कि उसका कच्चा मकान जल्द से जल्द पक्का बनवाया जाऐ ताकि उसका परिवार सुरक्षित रह सके।
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