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हरियाणा में करोड़ों का धान घोटाला, घोटालेबाजों पर दर्ज होगी एफआईआर 

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चंडीगढ़, 8 जनवरी- हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  पी. के. दास ने कहा कि धान के स्टॉक को कही ओर ले जाने और धान की फर्जी खरीद से बचने के लिए खरीद तंत्र को और अधिक मजबूत करने व पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अब से धान को मंडियों से मिल परिसर तक पहुंचाने का कार्य खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग व अन्य खरीद एजेंसियों द्वारा किया जाएगा और धान की ढुलाई के लिए उपयोग होने वाले ट्रकों को जीपीएस युक्त किया जाएगा ताकि उनकी आवाजाही पर नजर रखी जा सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने यह जानकारी आज यहां पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए दी।

        उन्होंने बताया कि स्टॉक उपलब्धता और फर्जी धान खरीद की जांच करने के लिए, राज्य में 1304 चावल मिलों का फिजिकल वैरिफिकेशन किया गया था, जिसमें से 1207 राइस मिलों में 42,589 मीट्रिक टन (एमटी) की कमी पाई गई। उन्होंने बताया कि 6440180.54 मीट्रिक टन के स्टॉक की जाँच के लिए फिजिकल वैरिफिकेशन किया गया था। हालाँकि, वैरिफिकेशन के बाद, मिलों में 6400400.28 मीट्रिक टन स्ट्रॉक पाया गया।

         अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि जिन मिलों के स्टॉक में कमी पाई गई, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। उन्होंने बताया कि जवाब मिलने के बाद गलत काम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि धान खरीद पर खर्च होने वाले लगभग 90 करोड़ रुपये को ब्याज सहित वसूल किया जाएगा। इसके अलावा, अनियमितता की संवेदनशीलता के आधार पर एफआईआर दर्ज करने और ब्लैकलिस्ट करने जैसे अन्य विकल्प भी अमल में लाए जाएंगे।

         उन्होंने बताया कि वैरिफिकेशन के दौरान, 205 मिलों के स्टॉक में 5 टन तक कमी पाई गई। इसी प्रकार, 134 मिलों के स्टॉक में 5-10 टन तक, 248 मिलों में 10 से 25 टन तक, 325 मिलों में 25 से 50 टन तक और 295 मिलों के स्टॉक में 50 टन से अधिक की कमी पाई गई। उन्होंने बताया कि करनाल जिले में सबसे अधिक 284 मिलों के स्टॉक में कमी पाई गई। उसके बाद कुरुक्षेत्र में 236 मिलों में, अंबाला में 185 मिलों में, फतेहाबाद में 168, यमुनानगर में 150 और कैथल में 115 मिलों के स्टॉक में कमी पाई गई।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि फिजिकल वैरिफिकेशन के लिए लगभग 300 टीमों को प्रतिनियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि वैरिफिकेशन के दौरान, विभाग ने आवंटित धान, मिलों की मिलिंग क्षमता, मिलों के पास चावल की उपलब्धता और एफसीआई को दिये गए चावल और मिलों के पास बचे हुए धान स्टॉक का वैरिफिकेशन किया गया।

एक सवाल का जवाब देते हुए, अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि वैरिफिकेशन के संबंध में आज तक किसी भी राइस मिलर्स द्वारा कोई आपत्ति दर्ज नहीं करवाई गई है।
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