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मोबाईल से चैक हो पाएगी किसी भी सेंटर के खिलाडिय़ों और प्रशिक्षकों की हाजिरी :-खेल मंत्री

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कुरुक्षेत्र 2 दिसम्बर राकेश शर्मा: हरियाणा के खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि हरियाणा प्रदेश देश के लिए अंतर्राष्टï्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करेगा। इसके लिए प्रदेश में 8 से 10 खेलों को लेकर एक सेंटर ऑफ एक्सीलैंस बनाया जाएगा। इस सेंटर से देश के लिए अंतर्राष्टï्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार किए जाएंगे। इस सेंटर में हॉस्टल, ट्रेनिंग के साथ-साथ तमाम प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी और उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए अच्छे प्रशिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी। इस सेंटर को एनआईएस पटियाला की तर्ज पर तैयार करने की योजना है। इस सेंटर में कम खर्चे पर अच्छे परिणाम मिल पाएंगे और प्रदेश के खिलाडिय़ों को भी फायदा मिलेगा।
खेलमंत्री संदीप सिंह सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में हरियाणा प्रदेश के सभी जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारियों की एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले खेलमंत्री संदीप सिंह ने सभी जिलों के अधिकारियों से फीडबैक रिपोर्ट हासिल की और खेल विभाग के निदेशक भूपेन्द्र सिंह ने खेल विभाग की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की और तमाम गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। खेलमंत्री ने कहा कि जिस जिले का खिलाड़ी ओलम्पिक, एशिया और राष्टï्रीय खेलों में मैडल हासिल करेगा, उस जिले के जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी को भी सम्मानित किया जाएगा। प्रशिक्षकों और जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी को अब छुट्टïी लेने के लिए निदेशालय से मेल के माध्यम से सूचना देनी होगी। इसके अलावा वाटसएप या मैसेज से किसी को छुट्टïी नहीं दी जाएगी। इतना ही नहीं प्रदेश में आगामी एक माह में प्रशिक्षकों, खिलाडिय़ों की हाजिरी को लेकर एक नई प्रणाली को अमलीजामा पहनाने का काम किया जाएगा। इस प्रणाली के अनुसार वे स्वयं अपने मोबाईल से किसी भी जिले और किसी भी सेंटर की हाजिरी और प्रगति को देख पाएंगे। प्रदेश में पिछले सालों में निर्मित स्टेडियमों की गुणवता को चैक किया जाएगा और इसके लिए बकायदा एक टीम का भी गठन किया जाएगा अगर किसी भी स्तर पर कुछ गड़बड़ी मिली तो नियमानुसार कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा भविष्य में खेल प्रांगणों में होने वाले निर्माण कार्य में जिला खेल अधिकारियों की भूमिका अहम रहेगी। जिलास्तर पर डीएसओ को इस प्रकार की कमेटियों में जरुर रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की नर्सरियों में खिलाडिय़ों को डाईट के नाम पर कुछ राशि सीधे बैंक खातों में भेजी जा रही, लेकिन खिलाड़ी इस राशि को डाईट लेने में प्रयोग नहीं कर रहे है। इसलिए विचार किया जा रहा है कि खिलाडिय़ों को ट्रेनिंग के बाद नर्सरी में ही अच्छी गुणवता, प्रोटीन की डाईट मुहैया करवाई जाए। इतना ही नहीं खिलाडिय़ों को खाने-पीने, किट और अन्य प्रकार का बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाया जाए। इसकी गुणवता को चैक करने के लिए बकायदा एक पैनल का गठन किया जाएगा। इस प्रदेश में कई क्षेत्र डैड जोन में शामिल हो चुके है, इन क्षेत्रों में खेलों पर बिल्कुल भी फोकस नहीं रखा गया। अब इन डैड जोनों को पूनर्जीवित करने का काम किया जाएगा, इसके लिए अच्छे प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सरकार का प्रयास है कि गांव स्तर तक खिलाडिय़ों को हर प्रकार की खेल सुविधाएं मुहैया करवाई जाए। प्रदेश में दंगल और कबड्डïी सहित परम्परागत खेलों का एक साथ आयोजन करने पर भी विचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि खेल अनुशासन से शुरु होता है और अनुशासन में रहकर ही खिलाड़ी एक मुकाम तक पहुंच सकता है। खेल के मैदान में खिलाडिय़ों के साथ-साथ प्रशिक्षकों को अनुशासन में रहना होगा और अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर सहन नहीं की जाएगी। सभी को मिलकर खेलों को आगे बढ़ाना है और हरियाणा को हमेशा खेलों के क्षेत्र में नम्बर 1 के स्थान पर रखना है। अभी तक मिली फीडबैक के अनुसार कुछ खिलाड़ी और कुछ कोच अनुशासन में रहकर काम नहीं कर रहे है, ऐसे लोगों पर शिकंजा कसना बहुत जरुरी है। सरकार का प्रयास रहेगा कि गांव में खेले जाने वाले गेम के अनुसार ही खेलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रशिक्षकों की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए 5 सदस्यों की फ्लाईंग स्कवायड टीम बनाई गई है, यह टीम मिली सूचना के अनुसार स्टेडियम, खेल सेंटर और नर्सरियों को चैक करेगी। इतना ही नहीं खिलाडिय़ों से फीडबैक रिपोर्ट भी हासिल करेंगी। इतना ही नहीं खेल स्टेडियम में केवल खिलाडिय़ों को ही खेलने की अनुमति दी जाएगी और आउट साइडर को खेल स्टेडियम की कोई सुविधा नहीं मिलेगी, क्योंकि खिलाडिय़ों के अलावा बाहरी लोगों से खिलाडिय़ों के अभ्यास पर असर पड़ता है और स्टेडियम का माहौल भी खराब होता है। 
खेलमंत्री ने कहा कि नर्सरी और खेल सेंटरों के खिलाडिय़ों को हरियाणा से बाहर खेलने के लिए खेल विभाग के निदेशक से अनुमति लेनी होगी। कई जिलों में यह शिकायते भी मिली है कि प्रशिक्षक नौकरी करने के साथ-साथ खुद की अकेडमी भी चला रहे है और खिलाडिय़ों से फीस भी वसूल कर रहे है। इस प्रदेश में ऐसा किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। अगर किसी भी जिले में इस प्रकार का विषय सामना आया तो सम्बन्धित जिले के खेल अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस सरकार का प्रयास रहेगा कि बच्चे को किसी भी खेल का प्रशिक्षण लेने के लिए एक पैसे की भी अदायगी ना करनी पड़े। उन्होंने कहा कि पर्दे में रहकर कुछ नहीं चलेगा और सराहनीय कार्य करने वाले प्रशिक्षकों को सरकार की तरफ से सम्मानित भी किया जाएगा। सभी प्रशिक्षकों को केवल मात्र खिलाडिय़ों को तराशने पर फोकस रखना है और कोई भी प्रशिक्षक अम्पायरिंग करने का प्रयास नहीं करेगा। ऐसी शिकायत मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।
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