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गीता ज्ञान के अभाव से जन्म ले रहा है भ्रष्टाचार- खट्टर 

Manohar Lal paying obeisance to Srimad Bhagwad Gita
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चंडीगढ़, 9  दिसम्बर-  हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कहा कि जीवन में गीता ज्ञान के अभाव के कारण ही अनेक प्रकार के दुख और भ्रष्टाचार जैसी समस्याए जन्म लेती हैं। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के जीवन में गीता संदेश का मार्गदर्शन नहीं है, वह अपनी लालसाओं को बढ़ाता रहता है और इन बढ़ी हुई लालसाओं की पूर्ति के कारण ही भ्रष्टाचार जन्म लेता है। 
मुख्यमंत्री कल  बलडी बाईपास करनाल में 98 लाख रुपये की लागत से नवनिर्मित श्रीमद्भगवद् गीता द्वार तथा अटल पार्क के किनारे स्थापित श्रीकृष्ण-अर्जुन प्रतिमा गीता चौक का उद्घाटन करने उपरांत उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने बलडी चौक पर 98 लाख रुपये की लागत से नगर निगम द्वारा स्थापित किए गए श्रीमद्भगवद् गीता द्वार के उद्घाटन की मुबारकबाद देते हुए कहा कि अलग-अलग महापुरूषों के नाम पर इस तरह के सात द्वार बनाने की योजना है, जिनमें से एक का कार्य पूरा किया जा चुका है और दो अन्य पर कार्य युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि इन द्वारों के निर्माण से करनाल को जहां विशेष पहचान मिलेगी, वहीं करनाल आने वाले लोगों को महापुरूषों के जीवन का संदेश भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि द्वार बनाने की प्रथा प्राचीन काल से रही है और पुराने समय में राजा-महाराजा अपने शहरों की सुरक्षा और पहचान के लिए इस तरह के द्वार बनाते रहे हंै। पुराने करनाल शहर में भी अलग-अलग नामों से गेट बने हुए हैं।

श्रीमद्भगवद् गीता द्वार के केन्द्रीय पिलर के दोनों ओर भगवान विष्णु के विराट रूप तथा महाभारत कालीन कौरव और पाण्डव सेना युद्ध को दर्शाया गया है। यह गेट जहां दिन में महाभारत के संदेशवाहक के रूप में करनाल आने वाले लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहेगा वहीं रात के समय रंगीन लाईटों से इस द्वार की भव्यता और सुन्दरता कई गुणा अधिक बढ़ जाती है। इसी प्रकार गीता चौक और भगवान कृष्ण व वीर अर्जुन की प्रतिमाओं की सुन्दरता भी करनाल आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के आकर्षण और उत्सुकता का केन्द्र रहेगी। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल व गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने इसी स्थल से जिला स्तरीय गीता जंयती महोत्सव की भव्य और आकर्षक नगर शोभा यात्रा को भी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद व अन्य संतों से चर्चा के उपरांत कार्य योजना तैयार की जा रही है कि जिस तरह विदेशों में गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, उसी तर्ज पर भारत के हर राज्य में भी तीन दिवसीय गीता महोत्सव हो सके। उन्होंने कहा कि गत चार वर्षों के दौरान किये गए प्रयासों के फलस्वरूप गीता जंयती महोत्सव अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का उत्सव बन चुका है। कुरुक्षेत्र में विश्व के विभिन्न राष्ट्रों के राजनयिक व प्रतिनिधि इस महोत्सव का हिस्सा बनते हैं, वहीं इस वर्ष फरवरी में मॉरिशस और अगस्त में लन्दन में अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन हो चुका है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में मार्च के महीने में ऑस्ट्रेलिया और जुलाई में कनाडा में यह महोत्सव आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा नेपाल ने भी इस तरह का आयोजन करने की इच्छा जाहिर की है।
इस मौके पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से पूरी मानवता के कल्याण और विश्व बन्धुत्व के लिए गीता का संदेश दिया था। हरियाणा सरकार, विशेषतौर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से कुरुक्षेत्र में आयोजित होने वाला अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव विराट रूप धारण कर चुका है और कुरुक्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरा विश्व गीतामय हो गया है।
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