फरीदाबाद: सोनू सिंह की रिपोर्ट: गांव बदरपूर सैद के लोगों ने पंचायत पर बड़ा आरोप लगाते हुए सीएम विंडों पर कई बार शिकायत किया कि पंचायत भ्रष्टाचार में लिप्त है और कोई काम काज नहीं हो रहा है।
स्थानीय निवासी श्यामवती ने इसी साल फरवरी में पत्र लिखकर डीसी से भी शिकायत की थी कि वो बहुत गरीब हैं और उनके खेतों में हमेशा पानी भरा रहता है और कोई भी फसल नहीं होती।
उनका कहना है कि तीन साल से गांव का पानी उनके खेत में आ जाता है और फसल डूब पर खराब हो जाती है। वो विधवा हैं और जो पेंशन मिलती है उसी से परिवार का गुजारा होता है। कभी कभी बच्चे भूखे सो जाते हैं। पंचायत ने पानी की निकासी का कोई प्रबंध नहीं किया। सरकार जो पैसे विकास के लिए देती है वो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है।
पंचायत ने गांव में पानी की निकासी के लिए कोई नाली नहीं बनवाई। पंचायत पर दो साल पहले भ्रष्टाचार का मामला भी दर्ज हुआ लेकिन अब भी भ्रष्टाचार जारी है। सीएम विंडो पर शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। समस्या पहले जैसी है है। खेतों में कोई फसल बोते हैं तो पानी में डूब जाती है।
एक जानकारी के मुताबिक अगस्त 2017 में गांव में लाइट लगवाने में की गई आर्थिक गड़बड़ी के आरोप में बदरपुर सैद ग्राम पंचायत की महिला सरपंच और ग्राम विकास सचिव को डीसी ने सस्पेंड किया था । सीएम फ्लाइंग की रिपोर्ट मिलने के बाद डीसी समीर पाल सरो ने मंगलवार को यह कार्रवाई की थी।
जानकारी के अनुसार उस समय फरीदाबाद ब्लाक के बदरपुर सैद ग्राम पंचायत की सरपंच रचना ने गांव में लाइट लगवाने की योजना बनाई थी। इसके लिए उन्होंने ग्राम सचिव विकास पांचाल से बातचीत कर भिवानी के ठेकेदार को ठेका दे दिया। लेकिन लाइटें लगीं नहीं और ठेकेदार को पंचायत के खाते से 4.16 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। गांव के किसी व्यक्ति ने इसकी सूचना सीएम फ्लाइंग को दे दी। उसकी टीम ने जुलाई में छापा मारकर मौके की जानकारी ली तो वहां कोई भी लाइट लगी नहीं मिली। इसके बाद सीएम फ्लाइंग ने जांच रिपोर्ट डीसी को भेजी। डीसी ने आरोप सही पाए जाने पर सरपंच और ग्राम विकास सचिव को सस्पेंड कर दिया। डीसी समीर पाल सरो का कहना था कि मामले की जांच की जा रही है। जो भी भ्रष्टाचार में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद किसी पर कोई कार्र्यवाही नहीं की गई।
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