चंडीगढ़, 25 जून- हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति का सूत्रपात करेगी ताकि युवा आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों का भी गृहण कर सके।
श्री शर्मा आज चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में ‘हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद’ द्वारा ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019’ पर आयोजित संगोष्ठिï में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी.के दास, दीनबधुं छोटुराम यूनिवर्सिटी ऑफ साईंस एंड टैक्रोलोजी, मुरथल के कुलपति डॉ. राजेंद्र कुमार अनायथ के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा शिक्षाविद्घ उपस्थित थे।
शिक्षा मंत्री ने कुलपतियों को विद्यार्थियों का आइकॉन बताते हुए कहा कि बदलते दौर में रोजगार के लिए शेक्सपीयर को बेशक पढ़ाएं परंतु संस्कृति एवं संस्कारों के लिए मुंशी प्रेमचंद का साहित्य भी अवश्य पढ़ाएं। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थाएं केवल साक्षर ही नहीं बनाती हैं बल्कि व्यक्तित्व निर्माण का कार्य भी करती हैं। उन्होंने कुछ संस्थाओं द्वारा शिक्षा को बिजनेस बनाने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज पूरे विश्व में भारत की प्रतिभा का लोहा माना जाता है, परंतु हरियाणा सरकार किसी भी युवा के समक्ष धन की कमी के कारण शिक्षा प्राप्त करने में बाधा नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि उच्चतर शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों को हर संभव सहायता दी जाएगी।
हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी.के दास ने कुलपतियों से आह्वïान किया कि वे हर विद्यार्थी से संवाद करें, संवादहीनता के कारण ही तनाव बढ़ता है। उन्होंने संवाद को शिक्षा की मुख्य अवधारणा बताया।
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