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हरियाणा में 20 से 25 हजार पदों की भर्ती शीघ्र: खट्टर

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चंडीगढ़, 16 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने समाज के शोषित व वंचित वर्ग के लोगों को शिक्षा के और अधिक अवसर उपलब्ध करवाने के लिए आगामी शैक्षणिक सत्र से शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जाति ए तथा बी वर्गीकरण लागू करने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान करने के साथ-साथ प्रदेश में 11 नए सरकारी छात्रावास बनाने की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 20 से 25 हजार पद शीघ्र ही भरे जाएंगे। इसके अलावा, अनुसूचित जाति के बैकलॉग को हर वर्ष भरा जाएगा। 

आज जींद की ऐतिहासिक धरा पर आयोजित संत कबीर दास के 621वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सही मायने में संत कबीर दास के ‘न काहू से दोस्ती-न काहू से बैर’ के दोहे पर चलते हुए पूरे प्रदेश का विकास करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में हमने प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन करने का काम किया है। हम वर्ग, लिंग, जाति, क्षेत्र के आधार पर मूल्यांकन नहीं करते। हमने लोगों को योग्यता के आधार पर लाभ देने का काम किया है। आज प्रदेश में पारदर्शी ढंग से सरकारी नौकरियां मिलती हैं। हमने नौकरियों के मामले में पांच अंक उस परिवार के उम्मीदवार को देने का काम किया है, जिसके घर में कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी में नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने अंत्योदय सरल केंद्रों और अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से विभिन्न विभागों की लगभग 450 सेवाएं एक छत के नीचे लाने का काम किया है। इससे लोगों की रोजमर्रा की कठिनाइयां दूर हुई हैं। उन्हें सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने से छुटकारा मिला है और वे आसानी से इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। पिछले दो साल में लगभग 32 लाख लोगों ने इन सेवाओं का लाभ उठाया है। 

श्री मनोहर लाल ने कहा कि सत्ता के माध्यम से सेवा करना और सिस्टम की कमियों को दूर करना हमारा काम है। उन्होंने ढाई करोड़ प्रदेशवासियों को अपना परिवार बताते हुए कहा कि हमें कमजोर पीडि़त और जरूरतमंद व्यक्तियों की सहायता करके उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाना है। उन्होंने लोगों से अपील की कि जो लोग समाज में पीछे रह गए हैं, उन्हें आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि समाज में दो ही जातियां हैं- एक गरीब और दूसरा वह जो गरीब की सहायता करके उसे गरीबी से निकालने में मदद करता है। उन्होंने प्रदेशवासियों का आज़्वान करते हुए कहा कि यदि आपसे कोई जाति पूछे तो सबसे पहले अपने आपको हरियाणवी बताएं। उन्होंने कहा कि हम ऐसे व्यवस्था करने जा रहे हैं कि आने वाले समय में किसी को मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हम परिवारों का डाटा तैयार करवाएंगे जिसके माध्यम से जन्म से लेकर मृत्यु तक हमें उसकी जरूरत पता होगी और सरकारी कर्मचारी उसके घर जाकर उसे उसकी जरूरत के अनुसार सेवा उपलब्ध करवाएंगे। अपराधी प्रवृति के लोगों को सख्त चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि या तो वे अपराध छोड़ दें, अन्यथा प्रदेश छोड़ दें। 
मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति के लोगों को संत कबीर दास व संत रविदास की जन्मस्थली वाराणसी तथा महर्षि वाल्मीकि की तीर्थ स्थली अमृतसर के लिए भ्रमण हेतु सहयोग की घोषणा करते हुए कहा कि इन दोनों तीर्थ स्थलों के लिए जाने के इच्छुक व्यक्तियों को रेलवे की द्वितीय श्रेणी की आरक्षित टिकट निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि एक जुलाई, 2019 से यह योजना शुरू हो जाएगी, जिसके लिए इच्छुक व्यक्ति जिला उपायुक्त कार्यालय में अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। आरम्भ में हर विधानसभा क्षेत्र से 100-100 श्रद्धालुओं को तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी। इस प्रकार, हर वर्ष 9000 श्रद्धालु इन तीर्थस्थलों पर जा सकेेंगे। इसका लाभ ‘पहले आओ-पहले पाओ’ आधार पर दिया जाएगा तथा यह लाभ एक परिवार को एक ही बार मिलेगा। 
उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं का बजट हर वर्ष 31 मार्च को जनता की जानकारी के अभाव व सरकारी कर्मचारियों की अरूचि के कारण लौटा दिया जाता था, अब वह बंद हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि वर्ष 2022 तक हर परिवार के पास पक्का मकान हो, इस दिशा में राज्य सरकार भी आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई के पहले सप्ताह में 1.25 लाख बीपीएल कार्ड धारकों के कार्ड उनके घर पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ वाक्यांश भी संत कबीर दास के दोहों से ही मिला है। उन्होंने कहा कि संत कबीर दास ने उस समय समाज को अंधविश्वास से दूर रहने व भाईचारे का संदेश दिया था, जब समाज रूढि़वाद की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। उन्होंने कहा कि हमने सभी महापुरूषों की जयंतियां सरकारी स्तर पर मनाने की शुरूआत की है, चाहे वह संत कबीर दास जयंती हो, संत रविदास जयंती हो, महर्षि वाल्मिकी जयंती या बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर जयंती हो। सामाजिक समरस्ता का मार्ग दिखाना ही इसका मुख्य उद्देश्य रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा एक-हरियाणवी एक नारे में उनका विश्वास है। 
उन्होंने जींद में बनने वाले संत कबीर दास छात्रावास के लिए 35 लाख रुपये अपने स्वैच्छिक कोटे से देने की घोषणा की। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर, सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक व सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल की ओर से भी इस छात्रावास के लिए 11-11 लाख रुपए देने की घोषणा की। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने भुरची समाज सेवा समिति व अन्य 3 संस्थानों को भी अपने स्वैच्छिक कोष से 5-5 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। सरकार हर समाज व वर्ग के विकास के लिए गंभीर है। पिछले लगभग पांच वर्षों में हमने पूरी 90 विधानसभाओं में समान रूप से विकास कार्य करवाए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि धानक समाज के लोगों को भी राजनीतिक नियुक्तियों में अवसर दिया 
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