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अरावली के माफियाओं के ताबड़तोड़ कब्जे और अवैध खनन: पराशर ने कहा मिले हैं नेता, अधिकारी और माफिआ

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फरीदाबाद: आचार संहिता के दौरान अरावली के माफियाओं की मौज आ गई है और अरावली के दर्जनों जगहों पर चीरहरण जारी है। अरावली पर अवैध खनन, अवैध कब्जे, हरे पेड़ों की कटाई जमकर हो रही है। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के एलएन पाराशर का जिन्होंने शुक्रवार अरावली का दौरा किया और बड़ा दावा करते हुए कहा कि फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड पर पाली पुलिस चौकी के आगे मुख्य सड़क के किनारे लगभग पांच एकड़ जमीन पर कब्ज़ा किया जा रहा है और यहाँ अवैध खनन के साथ हरे पेड़ भी काटे जा रहे है। पाराशर ने कहा कि जहाँ ये कब्ज़ा किया जा रहा है वहाँ सड़क की तरफ बांस की दीवार लगा दी गई है ताकि बाहर से कोई अंदर न देख सके। पाराशर ने कहा कि मैंने अंदर जाकर देखा तो वहाँ पिलर गड़े दिखे और काफी दूर तक तारफेंसिंग की गई है। 

पाराशर ने कहा कि ये कब्ज़ा मुख्य सड़क के किनारे है इसलिए ये जमीन अरबों की हो सकती है और इस जगह पर बड़ा खेल खेला जा रहा है और संभव है कि खनन विभाग के अधिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ये कब्ज़ा किया जा रहा हो। पाराशर ने कहा कि अभी तक ऐसे कब्जे अरावली के जंगलों के अंदर ही दिखते थे लेकिन अब सड़क के किनारे भी अरावली का चीयर-हरण कर रहे हैं। 

पाराशर ने कहा कि लोकसभा चुनाव की वजह से कुछ अधिकारियों की व्यस्तता का माफिया फायदा उठा रहे हैं। पाराशर ने कहा कि अधिकतर माफियाओं पर नेताओं का हाँथ है इसलिए इनके काले कारनामों पर अधिकारी लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। पाराशर ने कहा कि हाल में मैंने महिपाल फार्म हॉउस के अंदर अवैध खनन का खुलासा किया तब जाकर उस पर एफआईआर दर्ज हुई। पाराशर ने कहा कि अरावली के माफिया फरीदाबाद के नेताओं और अधिकारियों से मिलकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी धज्जियाँ उड़ाई जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस कब्जे की तस्वीरें और वीडियो भी मैं सुप्रीम कोर्ट भेज रहा हूँ और इन माफियाओं पर अदालत की अवमानना का मामला भी दर्ज करवाऊंगा। 
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