राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए सभी विचाराधीन मामलों के निपटारे के लिए प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय पायल मित्तल, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रतीक जैन, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानसी धीमान, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सीमा, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी होडल विवेक कुमार तथा उपमंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट हथीन गरिमा यादव की न्यायिक पीठों का गठन किया गया।
इन न्यायिक पीठों में प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता गण रणसिंह तेवतिया, मधु, महेश चंद शर्मा और हरमीत कुमारी को भी बतौर सदस्य पीठ में शामिल किया गया। प्राधिकरण के अधिवक्ता (डिफेंस काउंसिल) नवीन रावत, जगत सिंह रावत, संदीप गुप्ता, अमित कुमार ने भी लोक अदालत में बतौर रिमांड काउंसिल सहयोग किया।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेनका सिंह ने राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत प्री-लोक अदालतों का आयोजन किया गया था। इन प्री-लोक अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालत के मद्देनजर लंबित मामलों का निपटारा किया गया।
इसके अतिरिक्त वाहन दुर्घटना मुआवजा, बैंक वसूली, राजीनामा योग्य फौजदारी मामले, बिजली एवं पानी के बिल संबंधी मामले, श्रम विवाद, सभी प्रकार के पारिवारिक विवाद, चेक बाउंस, राजस्व आदि मामलों को भी निपटाने का हरसंभव प्रयास लोक अदालत के माध्यम से किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में इन विवादों के निपटारे के लिए सुलह एवं समझौते के आधार पर निपटारे के प्रयास किए गए। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर व्हीकल एक्ट/बिजली चोरी के मामलों की भी सुनवाई की गई।
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