जिले में राहत के संकेत, फिर भी प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की
हाल ही में हुई भारी वर्षा के चलते ग्राम दूलेपुर से मोठूका को जोड़ने वाली लिंक रोड को क्षति पहुँची है। जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीमों को मौके पर निगरानी के लिए तैनात किया है। प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार
सर्वाधिक प्रभावित गांव बसंतपुर में यमुना का जल स्तर लगभग 5 फीट घटा है, वहीं मोहना क्षेत्र में भी जल स्तर करीब 1 फीट 6 इंच कम हुआ है। जिला प्रशासन ने बताया कि जल स्तर में लगातार कमी से प्रभावित लोगों को बड़ी राहत मिली है, हालांकि प्रशासन की ओर से अभी भी सतर्कता बरती जा रही है।
बाढ़ प्रभावित परिवारों को भोजन, पेयजल और दवाइयों की पूरी सुविधा
जिला प्रशासन फरीदाबाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी रखे हुए है। प्रभावित परिवारों के ठहरने और देखभाल के लिए जिले में 12 राहत शिविर सक्रिय किए गए हैं, जिनमें इस समय सभी 750 लोग सुरक्षित रूप से ठहरे हुए हैं। प्रशासन द्वारा शिविरों में रहने वाले लोगों के लिए भोजन, स्वच्छ पेयजल, दवाइयां और अन्य आवश्यक सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन की टीम प्रभावित लोगों की जरूरतों का लगातार आकलन कर रही है और आवश्यकतानुसार राहत सामग्री वितरित की जा रही है।
सुरक्षा के लिए मोहना–बागपत पुल पर बैरिकेडिंग
मोहना–बागपत पुल पर बैरिकेडिंग जैसे सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं। जिला प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि स्थिति पूरी तरह सामान्य होने तक किसी भी प्रकार की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। प्रशासन पूरी सतर्कता से कार्य कर रहा है और आमजन से अपेक्षा है कि वे सहयोग बनाए रखें।
अरुआ, चांदपुर और भूपानी में लगाए गए रक्तचाप राहत स्वास्थ्य शिविर
बाढ़ प्रभावित अरुआ, चांदपुर और भूपानी में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक कदम उठाए हैं। डीसी विक्रम सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयंत आहूजा ने जनता से अपील की है कि वे स्वास्थ्य टीमों के साथ सहयोग करें और समय पर जांच कराएं। आज अरुआ, चांदपुर और भूपानी गांव में रक्तचाप राहत स्वास्थ्य शिविर संचालित किए गए। इन शिविरों में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया और स्वास्थ्य जांच करवाई।
बाढ़ प्रभावित गांवों में वेटरनरी कैंप, पालतू पशुओं की हो रही स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मानव जीवन के साथ-साथ पशुधन की सुरक्षा पर भी जिला प्रशासन विशेष ध्यान दे रहा है। प्रभावित और अति-संवेदनशील गांवों में वेटरनरी कैंप स्थापित किए गए हैं, जहां पशुपालन विभाग की टीमें सक्रिय हैं। इन कैंपों में गाय, भैंस, बकरी समेत अन्य पालतू पशुओं की स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण किया जा रहा है। साथ ही फीवर, अपच व त्वचा रोग जैसी समस्याओं के उपचार हेतु निःशुल्क दवाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए चारा और आहार की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है, ताकि ग्रामीणों को दिक्कत न हो और मवेशियों को पर्याप्त पोषण मिलता रहे।
बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 15 सितंबर तक आवेदन का अवसर
बाढ़ से जिले में आवासीय व कृषि दोनों स्तरों पर नुकसान हुआ है। अब तक 270 मकान आंशिक रूप से प्रभावित पाए गए हैं, वहीं फसलों की क्षति का आकलन जारी है। किसान 15 सितंबर तक https://ekshatipurti.haryana.gov.in/ पोर्टल पर नुकसान की भरपाई हेतु आवेदन कर सकते हैं। डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि किसानों को हर संभव मदद दी जाएगी, बशर्ते वे पोर्टल पर पूरी जानकारी भरकर साझा करें।
आपात स्थिति में तुरंत मदद हेतु 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम
जिला प्रशासन ने आपात स्थिति में तुरंत मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 0129-2227937 और 0129-2226262 जारी किए हैं। इन नंबरों पर कॉल करने पर तुरंत कंट्रोल रूम से सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे सक्रिय रहकर हर शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करेगा।
अफवाहों पर ध्यान न दें, केवल आधिकारिक सूत्रों पर करें विश्वास
नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबरों पर तुरंत संपर्क करें। जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि कोई भी प्रभावित परिवार राहत से वंचित नहीं रहेगा।
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