उन्होंने कहा कि ऐसे में पंचायत स्तर पर एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार व अन्य संबंधित अधिकारी सहित 24 घंटे अलर्ट मोड में काम करते हुए गांवों में मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। उन्होंने चौकीदारों को भी 24 घंटे अलर्ट रहते हुए पहरेदारी और मुनादी करवाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए जिन्हें बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने का पूर्व अनुभव हो ताकि स्थिति को जल्द से जल्द कंट्रोल किया जा सके और लोगों को बचाव व राहत पहुंचाई जा सके।
डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि सोमवार रात्रि को ओखला बैराज से 60 हजार क्यूसेक व हथिनी कुंड बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना है, इससे यमुना निकट बसे निचले क्षेत्रों में पानी आने की संभावना है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी संवेदनशील क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाएं और राहत व बचाव कार्यों के लिए पूरी तैयारी रखें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस बात पर विशेष फोकस करें कि बाढ़ की स्थिति पैदा होने पर हम बाढ़ को नियंत्रित करने और राहत व बचाव करने में पूरी तरह सक्षम हैं, जिससे अधिक से अधिक लोगों को बचाया जा सके।
ग्रामीण समय रहते सुरक्षित जगहों पर लें पनाह : डीसी
डीसी विक्रम ने आह्वान किया कि यमुना नदी के किनारे बसे गांवों के नागरिकों को विशेषकर रात्रि के समय पूरी तरह सावधान और सतर्क रहना चाहिए। यमुना नदी के किनारे स्थित गांवों के ग्रामीण समय रहते जिला प्रशासन की ओर से चिन्हित की गई सुरक्षित जगहों पर पनाह ले लें और बाढ़ से बचाव के लिए चिन्हित जगहों पर ही रहें।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अधिक पानी या बाढ़ आने का इंतजार न करें बल्कि स्थिति के मद्देनजर जितनी जल्दी हो सके बाढ़ संभावित क्षेत्रों को पहले ही खाली कर सुरक्षित जगह पर आसरा ले लें। उन्होंने सुरक्षा के दृष्टिगत लोगों से अतिक्रमणों को छोड़ने का भी आह्वान किया है।
आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे अलर्ट मोड पर : डीसी
डीसी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क रहें और बाढ़ से बचाव को लेकर सभी आवश्यक इंतजाम जैसे नाव, लाइफ जैकेट, रस्सी, सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि बाढ़ की संभावना के मद्देनजर एसडीआरएफ, एनसीसी व वालंटियर्स को अलर्ट मोड पर रहने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि गांव बसंतपुर में एसडीआरएफ को तैनात कर दिया गया है ताकि किसी भी विषम परिस्थिति से निपटा जा सके।
साथ ही जिला में आपातकालीन सेवाओं को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा गया है तथा सभी संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे यमुना नदी के क्षेत्र में बसे गांवों की निरंतर मॉनिटरिंग करें और उन्हें निरंतर स्थिति से अपडेट करते रहें। उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार मुनादी कराई जाए और लोगों को लगातार जागरूक करें।
आमजन अफवाहों से बचें, केवल आधिकारिक सूचनाओं और तथ्यों पर करें विश्वास :
जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ के मद्देनजर चेतावनी दी गई है कि संवेदनशील समय में अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे केवल और केवल जिला प्रशासन की ओर से जारी आधिकारिक सूचनाओं और तथ्यों पर ही विश्वास करें।
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि सभी लोग जिला प्रशासन का सहयोग करते हुए प्रशासन की ओर से जारी किए गए आदेशों का पालन करें और तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाएं। जिला प्रशासन ने आश्वस्त किया कि बाढ़ से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सभी टीमें 24 घंटे तैयार हैं। उन्होंने कहा कि केवल जिला प्रशासन सुरक्षा की पहली जिम्मेदारी नागरिकों की सतर्कता और सहयोग पर निर्भर करती है। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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