मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शिकायतकर्ता को एक बार शिकायत दर्ज कराने के बाद सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों एवं उपायुक्तों को निर्देश दिए कि शिकायतों के समाधान को प्राथमिकता पर लें और समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें।
बैठक के उपरांत उपायुक्त विक्रम सिंह ने सभी विभागों की समीक्षा करते हुए विशेष रूप से बैंक से जुड़ी दो लंबित शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लिया और एलडीएम (लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर) से तत्काल कार्रवाई रिपोर्ट तलब की। साथ ही डीएचबीवीएन, एमसीएफ, शिक्षा विभाग, और एचएसवीपी सहित अन्य विभागों की लंबित एवं री-ओपन शिकायतों की स्टेटस रिपोर्ट भी माँगी।
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार कोई भी शिकायत लंबित नहीं रहनी चाहिए। यदि किसी शिकायत को ‘डिस्पोज ऑफ’ किया जाता है, तो उसका स्पष्ट कारण भी दर्ज किया जाए। उन्होंने री-ओपन हो रही शिकायतों पर विशेष ध्यान देने को कहा और चेतावनी दी कि किसी भी अधिकारी की लापरवाही जिला व प्रदेश स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसी स्थिति में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि शिकायत निवारण शिविरों का उद्देश्य जनता की समस्याओं को शीघ्रता से हल करना है, इसलिए प्रत्येक विभाग को अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभानी होगी। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से शिकायतों की समीक्षा करें और लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं।
बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों को तलब करते हुए उपायुक्त ने यह भी निर्देश जारी किए कि प्रत्येक शुक्रवार को सभी संबंधित अधिकारी समाधान शिविर में उपस्थित रहकर शिकायतों की स्थिति रिपोर्ट की जांच करें और समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सप्ताह में दो बार – सोमवार और गुरुवार को सुबह दस से 12 बजे समाधान शिविर आयोजित हो रहे हैं, अतः शिकायतों के निस्तारण में कोई कोताही न बरती जाए।
बैठक में एडीसी सतबीर मान, एसडीएम बड़खल त्रिलोक चंद, एसडीएम फरीदाबाद अमित कुमार, एसडीएम बल्लभगढ़ मयंक भारद्वाज, सीटीएम अंकित कुमार सहित अन्य संबंधित विभागों मौजूद रहे।
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