उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठï ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘हरपथ हरियाणा’ एप के लांच होने के उपरांत आम जनता को सरकारी कार्यालयों मे जाकर टूटी सडक़ों के बारे में शिकायत करने की जरूरत नहीं है। सडक़ की फोटो ऐप पर डालने से ही शिकायत संबंधित विभाग को चली जाएगी और संबंधित विभाग की ओर से सडक़ दुरुस्त करवाई जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि ‘हरपथ हरियाणा’ मोबाइल एप को किसी भी एंड्रायड फोन पर निशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। यह मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इस मोबाइल एप की खास बात यह है कि इसमें प्रदेश की सभी सड़कों की जियो टैगिंग की गई है। इस मोबाइल एप को डाउनलोड करने के बाद संबंधित मोबाइल यूजर को स्वयं को इस पर रजिस्टर करना होता है।
रजिस्ट्रेशन के बाद फोन में जीपीएस ऑन होना चाहिए ताकि संबंधित मोबाइल यूजर की लोकेशन आईडेंटिफाई हो सके। स्वयं को रजिस्टर करने के बाद यदि व्यक्ति सड़क के क्षतिग्रस्त होने की शिकायत करना चाहता है तो मोबाइल एप में कंप्लेंट का ऑप्शन दिया गया है।
‘हरपथ हरियाणा’ एप पर इस प्रकार करें शिकायत :
1- कंपलेंट ऑप्शन में जाकर व्यक्ति को सडक़ों के जाल का एक चित्र दिखाई देगा, जिस पर एक सुईनुमा निशान लगा होगा।
2- इस निशान को मूव करने पर सडक़ों के नाम व उसकी लोकेशन दिखाई देगी। सडक़ों के जाल को सैटेलाइट मैप में भी देखा जा सकता है, इसका विकल्प भी मैप के साथ ही दिया गया है।
3- इस सुईनुमा निशान को क्षतिग्रस्त सडक़ के नाम के ऊपर ले जाने पर मैप के नीच सडक़ की लोकेशन लिखी आती है। लोकेशन के नीचे एक अन्य विकल्प ‘रोड प्रोब्लम टाइप’ लिखा आता है, जिसको सलेक्ट करने पर सडक़ की स्थिति बताने संबंधी तीन विकल्प आते हैं, जिसमें से पहला डैमेज्ड रोड, दूसरा एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉट तथा तीसरा अदर्स का होता है।
4- इन तीनों विकल्पों में से एक सलेक्ट करने के बाद अगला विकल्प रिमाक्र्स का होता है, जिसमें व्यक्ति टिप्पणी लिखेगा। अंतिम विकल्प फोटो अपलोड का होता है, जिस पर जाकर यूजर क्षतिग्रस्त सडक़ की फोटो खींचकर अपलोड करेगा। शिकायत अपलोड होने के बाद इसकी सूचना संबंधित विभाग के अधिकारी व इंजीनियर के पास चली जाएगी। इसके बाद संबंधित विभाग की जिम्मेदारी होगी कि सडक़ के गड्ढे भरवाकर उसकी मरम्मत करवाए।
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