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फरीदाबाद में “ऑपरेशन शील्ड” के तहत मॉक ड्रिल, प्रशासनिक तैयारियों की हुई परख

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फरीदाबाद, 31 मई : हरियाणा सरकार के दिशा निर्देशों अनुरूप आपातकालीन तैयारियों और प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फरीदाबाद जिला में “ऑपरेशन शील्ड” नामक नागरिक सुरक्षा अभ्यास आयोजित हुआ। यह व्यापक अभ्यास गृह मंत्रालय, भारत सरकार के मार्गदर्शन में सायं 5 बजे शुरू हुआ। एनटीपीसी पावर प्लांट व एयर फोर्स स्टेशन डबु में निर्धारित समयावधि में यह मॉक ड्रिल हुई। जिसमें एनसीसी, एनएसएस, पुलिस, एयर फाॅर्स व अन्य राहत दल मौजूद रहा। इस दौरान अग्निशमन, आपातकाल राहत, स्वास्थ्य सेवाएं परखी गई। लगभग 30 मिनट तक मॉक ड्रिल की गई।


आपदा की स्थिति में जन-धन की रक्षा के लिए की गई तैयारियों की जांच करना
जिला उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष विक्रम सिंह के मार्गदर्शन में फरीदाबाद जिला में एक योजनाबद्ध नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य आपदा की स्थिति में जन-धन की रक्षा के लिए की गई तैयारियों की जांच करना था। 

उन्होंने कहा कि इस अभ्यास से न केवल वर्तमान आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र की कार्यप्रणाली को परखा गया, बल्कि नागरिक प्रशासन, सुरक्षाबलों और स्थानीय समुदायों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने का भी प्रयास किया गया। साथ ही, इस प्रक्रिया में ऐसे क्षेत्रों की पहचान की गई जिनमें सुधार और मजबूती की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत आयोजित यह नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल जिले में आयोजित होने वाली दूसरी ऐसी कवायद थी। इससे पहले 7 मई को भी इसी प्रकार की एक अभ्यास प्रक्रिया का आयोजन किया गया था, जिसका उद्देश्य जिला प्रशासन की तत्परता और आपातकालीन स्थिति से निपटने की क्षमता को परखना था।

जिला भर में सायं 07:55 से 8:15 बजे तक ब्लैकआउट भी किया जाएगा
मॉक ड्रिल में सांय 5 बजे सायरन के बजने के साथ ही आगजनी, एयर स्ट्राइक जैसी आपदा की स्थिति में तुरंत प्रभाव से सभी एक्टिव मोड़ में आ गए और लोग स्वयं सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने लगे। जहां कहीं भी आपदा की स्थिति के दौरान लोग ऊपरी तलों पर फंस गए थे उन्हें सुरक्षित तरीके से फायर बिग्रेड कर्मियों व आपदा मित्रों व एनसीसी वॉलिंटियर्स द्वारा नीचे उतारा गया और चिकित्सा टीमों द्वारा त्वरित प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की गई और पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। 

सभी विभागों के बीच वायरलेस और अन्य संचार माध्यमों के द्वारा प्रभावी तालमेल स्थापित किया गया। ड्रिल के अंतर्गत जिला भर में सायं 07:55 से 8:15 बजे तक ब्लैकआउट भी किया जाएगा, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में बिजली गुल होने की स्थिति में आवश्यक प्रतिक्रियाओं का परीक्षण किया जा सके। अभ्यास के दौरान सभी विभागों को मॉक जिम्मेदारियाँ सौंपी गईं, जिनका गहन मूल्यांकन संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया। जिला प्रशासन ने इस अभ्यास को सफल बताते हुए इसे भविष्य में आपदा से निपटने की तैयारियों को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम बताया।

युद्धकालीन जैसी आपात स्थिति के लिए प्रशासन और नागरिकों को तैयार रखने की दिशा में एक अहम प्रयास
डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि “ऑपरेशन शील्ड” के अंतर्गत किया गया यह अभ्यास युद्धकालीन जैसी आपात स्थिति के लिए प्रशासन और नागरिकों को तैयार रखने की दिशा में एक अहम प्रयास है। उन्होंने कहा कि जिला के प्रत्येक नागरिक को चाहिए कि वह आपदा प्रबंधन के मूल सिद्धांतों को समझे, अलर्ट रहे और अफवाहों से दूर रहकर केवल सरकारी सूचना पर ही विश्वास करे। डीसी ने यह भी बताया कि इससे पहले सभी विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके थे, ताकि मॉक ड्रिल को वास्तविकता के समीप लाकर कार्यकुशलता की जांच की जा सके।


नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एयरफोर्स स्टेशन फरीदाबाद में भी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में वायुसेना के जवानों के साथ-साथ एनसीसी, एनएसएस, पुलिस विभाग, होमगार्ड्स, स्वास्थ्य विभाग तथा अन्य राहत दलों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। ड्रिल में लगभग 20 सिविलियन परिवारों को भी शामिल किया गया, जिन्हें आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षित निकासी की प्रक्रिया का हिस्सा बनाया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों और सुरक्षाबलों के बीच समन्वय स्थापित करना, तथा असली आपदा की स्थिति में तत्काल और प्रभावी प्रतिक्रिया देना था।
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