उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य मौजूदा आपातकालीन तंत्र का परीक्षण करना, नागरिक प्रशासन, रक्षा बलों और स्थानीय समुदायों के बीच समन्वय में सुधार करना और उन क्षेत्रों की पहचान करना है, जिन्हें मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी युद्ध या आपातकालीन संकट के दौरान त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास में जो भी कमियां रही उनकी रिपोर्ट तैयार कर उन्हें दूर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस अभ्यास में जिला रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स, जिला के पंजीकृत सिविल डिफेंस वालंटियर, पंजीकृत स्वयंसेवक और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स सहित युवा संगठनों को भी शामिल किया गया ताकि आपातकालीन परिदृश्यों में सहायता की जा सके। इसमें प्रमुख घटकों में हवाई हमलों और मानव रहित हवाई वाहनों (ड्रोन) के झुंड जैसे हवाई खतरों का जवाब देना, हवाई हमले के सायरन को सक्रिय करना और भारतीय वायु सेना के साथ स्थापित नियंत्रण कक्ष संचार हॉटलाइन का परीक्षण करना शामिल है।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि यह अभ्यास घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) के अनुरूप है, जिसे हरियाणा ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत 28 जनवरी, 2025 को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित किया था, जो प्रभावी आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान करता है।
शनिवार सायं 04:45 बजे जिला सचिवालय में जैसे ही सायरन बजा पलवल जिला में द्वितीय नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल ऑपरेशन शील्ड की शुरुआत हो गई और सभी सचेत एवं सतर्क हो गए। नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का उद्देश्य विभिन्न प्रकार की विषम परिस्थितियों से बचाव के लिए तैयारियों का परीक्षण करना था। कुछ ही मिनटों में ही मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए तत्परता से जिला सचिवालय भवन में पानी का छिडक़ाव शुरू कर दिया। वहीं होमगार्ड, रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स और ब्लैक कमांडो ने रेस्क्यू का कार्य पूरी सावधानी पूर्वक किया।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि यह मॉक ड्रिल आपातकालीन स्थिति में क्या करें और क्या न करें और क्या-क्या सावधानियां बरतने के उद्देश्य से करवाई गई है। उन्होंने आमजन से आह्वान किया वे अपने क्षेत्र में होने वाली किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत पुलिस और स्थानीय अधिकारियों को दें। इस पहल का उद्देश्य प्रतिक्रिया तंत्र को सुव्यवस्थित करना, आपातकालीन स्थितियों के दौरान भ्रम को कम करना और तदर्थ उपायों पर निर्भरता को कम करना है। इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार करना तथा विकट स्थिति के दौरान बड़े पैमाने पर दहशत की संभावना को कम करना है। इस दौरान एसडीएम पलवल ज्योति, सीटीएम अप्रतिम सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।
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