हरियाणा: फरीदाबाद जिलाधीश जितेंद्र यादव ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल, नई दिल्ली द्वारा जारी आदेशों के तहत फसलों के अवशेषों को जलाने पर प्रतिबन्ध लगाने बारे निर्देश जारी किए गए है। हरियाणा सरकार द्वारा भी समय - समय पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल, नई दिल्ली द्वारा जारी आदेशों की कड़ाई से पालना के लिए निर्देश दिए गए है।जिलाधीश जितेंद्र यादव ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अन्तर्गत तुरन्त प्रभाव से सम्पूर्ण जिला फरीदाबाद में गेहूँ सहित अन्य फसलों की कटाई के बाद बचें फसल अवशेषों / पराली के जलाने पर प्रतिबन्ध लगाने के आदेश पारित किए हैं ।
जिलाधीश जितेंद्र यादव ने भारतीय दण्ड प्रक्रिया नियमावली, 1973 की धारा-144 के अन्तर्गत आदेश पारित करके कहा है कि जिला में गेहूँ व अन्य फसलों की कटाई तथा कढाई का कार्य शुरू हो चुका है।उन्न्होने कहा कि प्राय: कई किसान गेहूँ सहित अन्य फसलों की कटाई के बाद बचें हुए फसल अवशेष / फसलों को जला देते है। जिससे उत्पन्न धुआं आसमान में चारों ओर फैल जाता है जोकि आमजन के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।आमजनी की घटनाओं से सम्पत्ति तथा मानव जीवन को हानि की सम्भावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि इन आदेशो की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है, तो आई०पी०सी० की धारा 188, संपठित वायु बचाव एवं प्रदुषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दण्ड का भागीदार होगा। क्षेत्रीय अधिकारी, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, फरीदाबाद व उप-निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, फरीदाबाद सहित अन्य सभी सम्बन्धित विभाग इन आदेशों की अनुपालना व आवश्यक कार्यवाही करने के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेवार होगें।कृषि उपनिदेशक डा महाबीर सिंह ने कहा कि फसल की कटाई के बाद बचे हुए फसल अवशेषों को जलाने से पशुओं के चारे की कमी होने की सम्भावना भी बनी रहती है। इसके साथ-साथ फसल की कटाई के बाद बचे हुए अवशेषों को जलाने से भूमि के मित्र कीट मर जाते है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी प्रभाव पड़ता है।
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