Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

DLF गुरुग्राम की असिस्टेंट मैनेजर ने अपने जन्म से पूर्व ही बनवा लिये ज़ेवरात के बिल - AP सिंह

DLF-Gurugram-News
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

 गुरुग्राम- भारत मे प्रतिदिन महिलाओं द्वारा झूठे, मनगढंत, पैसा वसूलने व ब्लैकमेलिंग के केसो के द्वारा प्रताड़ित होने के कारण लगभग 150 से 175 पुरुष प्रतिदिन विभिन्न तरह से आत्महत्या करते है। महिलाओं के लिए बने कानून का बहुत तेजी से पूरे देश मे दुरुपयोग हो रहा है, जिसकी वजह से पुरुष व उनके परिवार वाले आत्महत्या कर रह है और यदि जिंदा भी रहते है तो घुट घुट कर मर रहे है।” सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील डॉ॰ ए पी सिंह ने अपने एक केस को लेकर हुई प्रेस वार्ता मे ये बाते कहीं। इस हाई प्रोफ़ाइल केस में डॉ॰ सिंह पीड़ित पुरुष हनी चौरसिया की पैरवी कर रहे हैं।

सीनियर वकील डॉ॰ एपी सिंह ने इस केस के बारे में बताते हुये कहा की करिश्मा चौरिसिया, जिनके पिता कन्हैया लाल चौरसिया उच्च न्यायालय में प्रोटोकॉल ऑफिसर है ने अपने पद का एवं महिलाओं के हितो के लिए बनाए गए कानूनों का पूरी तरह से दुरुपयोग करते हुये झूठे केसो के द्वारा निर्दोष हनी चौरसिया, उनकी माँ आभा चौरसिया व अन्य परिवार वालों को फसाया है।

डीएलएफ़ गुरुग्राम की कॉर्पोरेट असिस्टेंट मैनेजर करिश्मा चौरसिया जो हनी चौरसिया की पत्नी हैं, ने अपने जन्म होने से पहले की तारीखों के अपने नाम से ज्वैलरी खरीदने के बिल ज्वेलेर्स से बनवा कर और देश की विभिन्न अदालतों मे उन बिलों को लगाकर जिस तरह से अपने पति हरी चौरसिया और उनके परिवार वालों का आर्थिक, शारीरिक और मानसिक शोषण किया है उससे यह प्रतीत होता है की महिलाओं के संरक्षण के लिए बनाए हुये कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।

डॉ एपी सिंह के बताया की कन्हैया लाल की बेटी करिश्मा चौरसिया जो कि कॉर्पोरेट लीज़िंग ऑफिसर जैसे उच्च पद पर कार्यरत है और लॉक डाउन के दौरान भी स्वयं कार्यरत रही फिर भी भरण पोषण के झूठे केस लगा कर अपने पति हनी चौरसिया व उनके परिवार के जीवन को बर्बाद कर रही है। इतना ही नहीं करिश्मा चौरसिया ने बंगलुरु में अपने पति हनी चौरसिया पर धारा 498, 323, 504, 506  के तहत मुकदमा भी दर्ज कराया था जिसमे हनी चौरसिया निर्दोष साबित हुए, और सबसे बड़ी विडंबना यह है की दोनों पक्ष उच्च शिक्षित है और अच्छे परिवार से आते है, फिर भी करिश्मा चौरसिया झूठा घरेलू हिंसा का केस डाल कर उनके क्लाईंट व उनके परिवार वालों को प्रताड़ित कर रखा है, और एक महीने के अंदर ही मारपीट करने, तुरंत बाद घरेलू हिंसा और शोषण जैसे झूठे केस लगा कर मिसकैरिज ऑफ जस्टिस किया है।


वरिष्ठ वकील डॉ॰ एपी सिंह ने कहा की भारत का संविधान पुरुषो और महिलाओ को समानता का पूर्ण अधिकार देता है फिर केवल राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग, महिला मंत्रालय, महिला हेल्प डेस्क और महिला अपराध शाखा ही क्यूं?


आखिरकार पीड़ित पुरुष, भाई, ससुर, देवर, जेठ और उनसे व पुरुषो से संबन्धित व जुड़ी हुई महिलाएं, सास, ननद, जेठानी, बहने अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों व शारीरिक मानसिक आर्थिक शोषण के खिलाफ शिकायत करने कानूनी कार्यवाही करने और न्याय पाने आखिरकार जाये तो कहाँ जाएँ।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा की यदि पुरुष आयोग व पुरुष मंत्रालय देश मे होता तो फिल्म अभिनेता सुशांत राजपूत, मंत्री भय्युजी महाराज, दिल्ली की एसीपी अमित सिंह जैसे पीड़ित पुरुष विभिन्न तरह से आत्महत्या करके अपनी जान नहीं जवाते और ना ही पुरुषो के सभी आत्महत्या के केसों मे मीडिया और सोशल मीडिया अपनी अग्रणी भूमिका निभा पाता, और न ही राजनीतिक दबाव बनता है और जिस कारण से सभी केसों में ना तो सीबीआई जांच होती है और ना ही सच्चाई सामने आ पाती है।

डॉ॰ सिंह ने कहा की मैं माननीय अदालतों से अनुरोध करता हूँ कि, देश मे पीड़ित पुरुषो के मामले बहुत तेजी के साथ बढ़ रहे है जिससे पुरुषो का शारीरिक, मानसिक व आर्थिक शोषण तेजी के साथ हो रहा है इसीलिए सभी अदालतों को इस विषय पर गंभीरता से विचार करते हुए झूठे केस करने वाली तथाकथित महिलाओं को भी सजा दे कर दंडित करना चाहिए, जिससे न्याय की देवी के तराजू के पलड़े बराबर हो सके। जिससे आने वाले समय मे पुरुष आत्महत्या करने को मजबूर ना हो सके, क्यूंकी परिवार के एक मुखिया की आत्महत्या से परिवार के अन्य सदस्य जो की उस पर पूरी तरह आश्रित होते है उसकी आत्महत्या से पूरी तरह बिखर जाते है, जिसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती।

फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

Haryana News

Post A Comment:

0 comments: