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पहाड़ घोटाला: क्या फरीदाबाद के शिमला को उजाड़ रही है टीम रामदेव: देखें कई वीडियो

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फरीदाबाद : हरियाणा विधानसभा चुनावों के तीन महीने पहले अरावली का मुद्दा जोर पकड़ सकता है। कोट गांव के पास के जिन पहाड़ों की जमीन का मुद्दा अब उठाया जा रहा है उसमे कुछ न कुछ सच्चाई जरूर है क्यू कि बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एलएन पाराशर के पास 104 ऐसी जीपीए ( जनरल पावर आफ अटार्नी ) हैं जो शायद फर्जी हैं क्यू कि इनके कोई उत्तर प्रदेश से करवाई गई है तो कोई पंजाब से तो कोई अन्य राज्यों से। 

हरियाणा अब तक की टीम ने ये पता लगाने का प्रयास किया कि क्या ये जीपीए सच में फर्जी हैं। एक जीपी यूपी की एक तहसील से कराई गई थी। जब इस तहसील के अधिकारियों को जीपीए दिखाई गई तो अधिकारी हैरान रह गए। बोले हमारे यहाँ अब तक कम्प्युटर की सुविधा नहीं है और यहाँ हर तरह के कागजात हाँथ से लिखे जाते हैं जबकि इस जीपीए को कम्यूटर से टाइप किया गया है। ये जीपीए यहाँ की नहीं है। हमें लगा कि फरीदाबाद के ऐसे गिरोह मौजूद हो सकते हैं जो यहीं पर कागजात टाइप करवा लेते हैं और किसी तहसील की मुहर बना यहीं उस पर ठप्पा लगा देते हैं और दिखा देते हैं कि जीपीए फला प्रदेश की फला तहसील से करवाई गई है। सर्दियों में हमने फिर इस खरीद फरोख्त पर आवाज उठाई थी और एलएन पाराशर मौके पर गए थे। हमारी टीम का ये वीडियो देखें 


लगभग चार साल पहले हमने यहाँ की जमीन खरीद फरोख्त का मामला उठाया था और उस समय 18 दिन लगातार उन पहाड़ों पर गया था जहाँ जमीन खरीदकर तारफेंसिंग की जा रही थी। उस समय हमें वहाँ के ग्रामीणों ने बताया था कि किसी रामदेव के नाम से ये जमीन खरीदी जा रही है और परवीन शर्मा और कृष्णवीर शर्मा इस जमीन को खरीद रहे हैं और वो खुद को बाबा रामदेव का डीलर बताते हैं। उस समय का हमारा ये वीडियो देख लें, खबर जारी है। 

उस समय हमें वहां के ग्रामीणों ने बताया था कि गांव कोट की जमीन कुछ प्रॉपर्टी डीलर खरीद रहे हैं। ये लोग यहां 16 से 20 लाख रुपये प्रति एकड़ जमीन खरीद रहे हैं। कब्जाधारी किसान भी इनको रजिस्ट्री कराने के बजाय अपना मालिकाना हक जनरल पावर आफ अटार्नी से दे रहे हैं। इन प्रॉपर्टी डीलरों को योग गुरु बाबा रामदेव का समर्थक बताया जा रहा था  मगर अधिकारियों का कहना था कि  कागजों में कहीं रामदेव का नाम नहीं है। हमारा उस समय का एक और वीडियो देखें इसमें भी रामदेव का नाम?


उसी समय यहाँ लगभग 300  एकड़ जमीन जीपीए पर बिक चुकी थी । किसान भी प्रॉपर्टी डीलरों से चेक से भुगतान ले रहे थे । उस समय दिल्ली के एक व्यापारी गौरव गोयल आरोप लगाया था  कि जीपीए पर हो रही इस खरीद-फरोख्त से राज्य सरकार को रजिस्ट्री होने पर मिलने वाली करोड़ों रुपये की स्टांप ड्यूटी का नुकसान हो रहा है। 
गौरव गोयल के साथ हुए एक जमीनी विवाद में मौके पर उस समय के एसडीएम,महावीर प्रसाद भी पहुंचे थे लेकिन उस समय भी उन लोगों पर कार्यवाही नहीं की गई जो खुद को रामदेव का डीलर बताते थे और उन पर आरोप थे कि वो दूसरों की जमीन को भी गलत तरीके से कब्ज़ा कर रहे हैं। एक और वीडियो, इसमें भी रामदेव ?


 ये मामला अब फिर तूल पकड़ रहा है। अब भी आशंका है कि शायद ही मामले की जांच कराई जाये क्यू कि अगर जांच कराइ गई तो सरकार पर भी आंच आ सकती है। फरीदाबाद के मांगर कोट गांव की बात करें तो ये इस जगह को फरीदाबाद का शिमला कहा जाता है। यहाँ आस पास बड़े बड़े पहाड़, हरियाली लेकिन फरीदाबाद के शिमला को उजाड़ने वाले कुछ ख़ास लोग हैं,  एक और वीडियो यहाँ भी रामदेव?

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