नई दिल्ली: भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में चावल एक लोकप्रिय खाना है। दुनिया के कई देशों में चावल बहुत शौक से खाए जाते हैं। हालांकि, चावल में कैलोरी काफी अधिक होती है और ये कार्बोहाइड्रेट का समृद्ध स्रोत भी है। इसलिए जो लोग अपना वज़न कम कर रहे होते हैं या फिर डायबिटीज़ से पीड़ित होते हैं उन्हें सादे चावल को छोड़ ब्राउन राइस खाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि ब्राउन राइस वाइट राइस यानी सादे चावल का बिना रिफाइंड किया रूप है जिसमें फाइबर अधिक और ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है।
ब्राउन राइस सादे चावलों से कैलोरी में कम होते हैं। लेकिन सिर्फ इसी कारण से ये वज़न घटाने में मददगार नहीं होते हैं। ब्राउन राइस में फाइबर उच्च मात्रा में होते है जो आपके मेटाबॉलिज़्म को तेज़ी देता है। साथ ही, सादे चावल की तुलना में इसे कम मात्रा में खाकर ही आपका पेट भर जाता है, जिससे कि आपके लिए वजन घटाना आसान हो जाता है।
ब्राउन राइस में वाइट राइस की तुलना में कम ग्लाइसेमिक (glycaemic) इंडेक्स होता है जो यह सुनिश्चित करता है कि ब्लड शुगर लेवल बढ़े नहीं। हार्डवर्ड के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध में ये बात सामने आई कि नियमित रूप से ब्राउन राइस खाने से डायबिटीज़ का जोखिम 20% तक कम हो सकता है।
धीरे-धीरे सफ़ेद चावल की खपत कम हो रही है और ब्राउन राइस खाने का चलन बढ़ रहा है क्यू कि देश के लगभग हर परिवार में कोई मोटापे से परेशान है तो कोई ब्लड शुगर से और ऐसे में लोग ब्राउन राईस ही पसंद कर रहे हैं और ब्राउन राईस की अधिक मांग के कारण अब देश के मिलावटखोटों की नजर इस पर पड़ गई है। जरूरी नहीं कि जो चावल आपने घर में हो वो ब्राउन राईस हो। हो सकता है पेंट किये हुए चावल को आप ब्राउन राइस समझ कर खा रहे हैं।
मद्रास डायबीटिक रिसर्च फाउंडेशन (MDRF) के फूड साइंटिस्टों ने सुपर मार्केट के 15 तरह के 'हेल्दी' चावलों का टेस्ट किया। टेस्ट के नतीजे चौंकाने वाले थे। अधिकतर बड़े ब्रांडों के चावल पालिश किये हुए पाए गए। माफिया देश में कई तरह के बड़े ब्रांड में पालिश किये हुए चावल बेंच रहे हैं। पालिश किये हुए चावल काफी मंहगे दामों पर बेंचे जा रहे हैं।
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