कार्यक्रम के दौरान चाइल्ड हेल्पलाइन, जिला बाल संरक्षण इकाई से प्रदीप कुमार ने हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, पंचकूला की सदस्य सुमन राणा का स्वागत किया। राजकीय माध्यमिक कन्या विद्यालय, एनआईटी-03 की प्रधानाचार्या रजनी, उप-जिला शिक्षा अधिकारी मनोज मित्तल, जिला बाल संरक्षण अधिकारी गरिमा तथा खंड शिक्षा अधिकारी धीरज के साथ मिलकर मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ भेंट कर अभिवादन किया।
हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, पंचकूला की सदस्य सुमन राणा ने बच्चों को उनके अधिकारों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा प्रत्येक बच्चे को जीवन जीने का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार, सहभागिता का अधिकार, विकास का अधिकार तथा शिक्षा का मौलिक अधिकार प्रदान किया गया है। इन अधिकारों की रक्षा करना हम सभी का दायित्व है और यदि कोई व्यक्ति बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करता है तो कानून के तहत कठोर कार्रवाई का प्रावधान है।
उन्होंने बाल विवाह निषेध कानून की जानकारी देते हुए कहा कि लड़कियों का विवाह 18 वर्ष से पहले तथा लड़कों का विवाह 21 वर्ष से पहले करना कानूनन अपराध है। इस प्रकार की किसी भी स्थिति में बच्चे चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, डायल 112 अथवा अपने माता-पिता और अध्यापकों से संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी गरिमा ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों के प्रति यौन शोषण के अपराध प्रायः जागरूकता की कमी के कारण बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार के यौन शोषण की शिकायत बच्चे सीधे डायल 112 पर अथवा बाल कल्याण समिति, बाल भवन, बस स्टैंड एनआईटी फरीदाबाद में दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों के लिए स्पॉन्सरशिप स्कीम की जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि जिन बच्चों के माता-पिता नहीं हैं, गंभीर बीमारियों (जैसे एचआईवी/एड्स) से पीड़ित हैं, या जेल में सजा काट रहे हैं, ऐसे बच्चों को जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से इस योजना का लाभ प्रदान किया जाता है। साथ ही, यदि कोई परिवार किसी बच्चे को गोद लेना चाहता है तो वह जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल भवन फरीदाबाद में आवेदन प्रस्तुत कर सकता है।
जिला बाल कल्याण समिति, बाल भवन फरीदाबाद के चेयरपर्सन पाल करहाना ने बच्चों को उनके अधिकारों और सुरक्षा संबंधी पहलुओं के बारे में जागरूक किया। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी बच्चे के अधिकारों का शोषण या उल्लंघन होता है तो इसकी तुरंत सूचना संबंधित प्राधिकरण को अवश्य दें, ताकि समय पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
उप-जिला शिक्षा अधिकारी मनोज मित्तल ने बच्चों को अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यदि पढ़ाई के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो छात्र-छात्राएँ निसंकोच अपने प्राचार्य या शिक्षा विभाग से संपर्क कर शिकायत अथवा सुझाव साझा कर सकते हैं।
जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यकर्ता प्रदीप कुमार ने बच्चों को तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अनजान लोगों को फॉलो या मित्रता न करें, अज्ञात लिंक और वीडियो कॉल स्वीकार न करें तथा किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें।
यदि किसी अनजान व्यक्ति द्वारा अश्लील वीडियो कॉल की जाती है या किसी प्रकार की ऑनलाइन परेशान किया जाता है, तो इसकी तुरंत शिकायत पुलिस हेल्पलाइन डायल 112 अथवा साइबर हेल्पलाइन 1930 पर दर्ज कराई जा सकती है।
कार्यक्रम का प्रबंधन सहयोग नव सृष्टि संस्था फरीदाबाद एवं शक्ति वाहिनी संस्था नई दिल्ली ने किया। कार्यक्रम के अंत में स्कूल की प्रिंसिपल रजनी व स्टाफ ने सभी उपस्थित गणमान्य लोगों का धन्यवाद किया।
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