मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेनका सिंह ने कहा कि अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत से संबंधित केसों का विवरण जल्द से जल्द तैयार करवाएं, ताकि इन केसों को आपसी समन्वय के साथ लोक अदालत में निपटाया जा सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य यही है कि इसमें अधिक से अधिक लंबित व प्री-लिटिगेटिव केसों का आपसी तालमेल से निपटारा किया जा सके।
उन्होंने कहा कि 12 जुलाई को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक संबंधी मामले, मनी रिकवरी केस, लेबर डिस्प्यूट, बिजली व पानी बिल के संबंधी मामले, आपराधिक, वैवाहिक सहित अन्य दावे संबंधी केसों का निपटान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व जिला स्तर पर 10 जुलाई को सार्वजनिक उपयोगिताओं सेवाओं से संबंधित मामलों के निपटान के लिए पीएलए (परमानेंट लोक अदालत) का आयोजन भी किया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जानकारी देने के लिए अधिक से अधिक प्रयास किए जाएं, ताकि ऐसे केसों से संबंधित व्यक्ति के मामलों का आपसी समन्वय व तालमेल से जल्द निपटारा हो सके और व्यक्ति को कोर्ट की लंबित कार्रवाई से छुटकारा मिल सके।
उन्होंने कहा कि सेटलमेंट से निपटने वाले केसों की सूची जल्द कोर्ट को उपलब्ध करवाएं। सीजेएम ने फैक्ट्री निरीक्षक को निर्देश देते हुए कहा कि वे कंपनियों में कार्य कर रहे कामगारों को उनके अधिकारों व उनके लिए क्रियान्वित की जा रही योजनाओं के बारे में अधिक से अधिक जागरूक करने की दिशा में कार्य करना सुनिश्चित करें।
बैठक में बार जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक दर्शन लाल भल्ला, श्रम विभाग से रविश कुमार, हरियाणा राज्य प्रवर्तन ब्यूरो से ओमबीर सिंह, एसबीआई से महेश कुमार, एसएचजीबी से पवन कुमार और यूबीआई से महेश सहित बैंकों के अधिकारी मौजूद रहे।
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