गुरुग्राम में कोविड संक्रमण की स्थिति का जायजा लेते हुए मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि कोविड के मामलों पर निरंतर निगरानी रखें और समय रहते ऑक्सीजन, दवा आदि के प्रबंध सुनिश्चित कर लें ताकि इस महामारी से लड़ने में आम जनता को किसी प्रकार की दिक्कत ना आए। प्रदेश के जिलों में सबसे ज्यादा कोविड संक्रमित मरीज गुरूग्राम जिला में हैं और दिल्ली में कोविड के मामले बढने का असर यहां भी होता है, इसलिए अपनी तैयारी पूरी रखें। कोविड संक्रमण बढने की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए भविष्य में संक्रमण की स्थिति क्या हो सकती है, इसका आंकलन करके उसी हिसाब से प्रबंध करें। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड संक्रमण पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार के निर्देशों की दृढ़ता से पालना भी सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव के समक्ष गुरूग्राम जिला में कोविड संक्रमण की स्थिति तथा उससे निपटने के प्रबंधों की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए उपायुक्त डा. यश गर्ग ने बताया कि हालांकि गुरूग्राम जिला में कोविड संक्रमण के अब लगभग 3300 के करीब मामले हर रोज आ रहे हैं लेकिन सुखद पहलु यह है कि इस बार संक्रमण के मामले ज्यादा गंभीर नहीं हैं और लगभग एक प्रतिशत मरीज ही अस्पताल में दाखिल हैं। ज्यादात्तर मामले माइल्ड अर्थात् हल्के लक्षणों वाले हैं तथा 4 से 5 दिन के होम आइसोलेशन से ही ठीक हो रहे हैं। डा. गर्ग ने बताया कि गुरूग्राम में कोविड संक्रमित मरीजों के लिए विभिन्न अस्पतालों में लगभग 6 हजार बैड उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विभिन्न अस्पतालों में 152 मरीज ही उपचाराधीन हैं। जिला का केस पॉजिटिविटी रेट 8.66 प्रतिशत है जबकि रिक्वरी रेट 89.70 प्रतिशत है। गुरूग्राम में कोविड संक्रमण की ग्रोथ रेट 1.57 प्रतिशत है और डबलिंग रेट 53.02 है। गुरूग्राम में 1634381 टेस्ट प्रति मिलियन हुए हैं। उपायुक्त ने बताया कि पिछली बार के अनुभव के बाद गुरूग्राम जिला में ऑक्सीजन की उपलब्धता भी बढाई गई है। जिला के 11 सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों पर 4150 एलपीएम क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं। इसके अलावा, निजी अस्पतालों में भी पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड संक्रमण की स्थिति पर निगरानी रखने के लिए जिला के सभी निजी अस्पतालों की एक बैठक बुलाकर उन्हें हिदायत दी गई हैं कि वे हल्के लक्षणों वाले मरीजों, जिन्हें दाखिल होने की जरूरत नहीं है, को अनावश्यक रूप से अस्पताल में दाखिल ना करें और प्रतिदिन बैड की उपलब्धता और पॉजिटिव पाए गए मरीजों का डाटा एस3 पोर्टल पर अपडेट करते रहें। कुल मिलाकर जिला में अभी स्थिति नियंत्रण में है। गुरूग्राम में कोविड नियंत्रण की तैयारियों से मुख्य सचिव संतुष्ट नजर आए।
उन्होंने बैठक में उपस्थित डीसीपी वेस्ट से कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी ली। मुख्य सचिव को बताया गया कि जिला में खुले में नमाज अता करने को लेकर पिछले दिनों गतिरोध पैदा हुआ था लेकिन अब वह स्थिति भी नियंत्रण में है। कोविड संक्रमण के मामले बढने के कारण नमाज घर में ही अता की जा रही है। इसके अलावा मुख्य सचिव ने बैठक में उपस्थित मण्डलायुक्त राजीव रंजन से एचसीएस तथा राजस्व अधिकारियों को कोर्ट केसों के निपटारे और रिकॉर्ड के रखरखाव के संबंध में दी गई ट्रेनिंग के बारे में पूछा और कहा कि अधिकारियों को चाहिए कि वे कोर्ट केसों का निपटारा समय पर करें तथा विभिन्न न्यायालयों में चल रहे केसों की भी सही तरीके से पैरवी करें। उच्च न्यायालय तथा अन्य न्यायालयों में चल रहे केसों के जवाब समय पर भेजे जाएं और उनमें किसी प्रकार की ढिलाई ना हो।
बैठक में गुरूग्राम के मण्डलायुक्त राजीव रंजन, उपायुक्त डा. यश गर्ग, अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा तथा गुरूग्राम की एसडीएम अंकिता चौधरी भी उपस्थित थी।
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