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हरियाणा में हुक्का ध्रुमपान रोकने के लिए बन रही है रणनीति 

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चण्डीगढ़, - हरियाणा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के  अतिरिक्त मुख्य सचिव  राजीव अरोड़ा ने हुक्का ध्रुमपान को रोकने के लिए विभाग के अधिकारियों को एक प्रभावी सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि लोगों को तंबाकू उत्पादों का सेवन बंद करने के लिए प्रेरित किया जा सके।

उन्होंने विस्तार से बताया कि विभिन्न गतिविधियों को केवल ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ तक सीमित करने के बजाय पूरे वर्ष आयोजित किया जाना चाहिए और ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों तक पहुंच बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से नियमित तंबाकू उपभोक्ताओं को आईईसी गतिविधियों को लागू करने के अलावा इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में सलाह देने और समझाने के लिए भी निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने अधिकारियों से लोगों के बीच हुक्का के बारे में मिथकों को दूर करने  के निर्देश भी दिए।

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के संचालन दिशानिर्देशों के अनुसरण में राज्य स्तरीय समन्वय समिति (एसएलसीसी) की समीक्षा बैठक के दौरान ये निर्देश दिए गए। उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न तंबाकू उत्पादों जैसे हुक्का, चबाने योग्य तंबाकू, गुटखा आदि के सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए गतिविधियों को संचालित करने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा, उन्होंने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जिला प्रशासन के सहयोग से स्कूलों व कालेजों में नियमित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के युवाओं में हुक्का के रूप में तंबाकू के बड़े पैमाने पर खपत को कम किया जा सके । इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसी तरह के प्रोत्साहन जैसे तंबाकू मुक्त पंचायत घोषित करना इत्यादि कार्य किए जाने चाहिए।

बैठक के दौरान महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. वीणा सिंह ने कहा कि यह देखा गया है कि जो लोग धूम्रपान के आदी होते हैं वे बाद में नशीले पदार्थों का भी सेवन करने लगते हैं। इस प्रकार, धूम्रपान की आदत को प्रारंभिक अवस्था में ही रोक देना चाहिए क्योंकि सिगरेट धूम्रपान नशीले पदार्थों का पहला पड़ाव है। एडीजीएचएस, डॉ. वी.के. बंसल ने एक विस्तृत प्रस्तुति दी और बताया कि वर्ष 2020-21 में विभिन्न आईईसी गतिविधियों के अलावा साप्ताहिक आधार पर सभी जिलों में कई ओरो-डेंटल स्क्रीनिंग कैंप आयोजित किए गए ताकि तंबाकू इस्तेमाल को कम किया जा सके।

बैठक में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के निदेशक डॉ. शालीन और सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन), श्रीमती वर्षा खंगवाल सहित चिकित्सक एवं विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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