चंडीगढ़, 6 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य में तिब्बती पुर्नवास नीति को फ्रेम करते हुए तिब्बती शरणार्थियों के बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं/ लाभों को मंजूरी दे दी है।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में तिब्बती पुर्नंवास नीति को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तर्ज पर तैयार किया जाना है।
उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं/लाभों में तिब्बती शरणार्थियों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश, मध्याह्न भोजन, मुफ्त पाठ्य पुस्तकें व वर्दी और किसी अन्य लाभ/सुविधाओं को समझा जाना चाहिए।
इन सुविधाओं/लाभों का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि ऐसे व्यक्ति ने भारत में न्यूनतम 182 दिनों या उससे अधिक की अवधि के लिए निवास किया हो। राज्य के जिला प्रशासन द्वारा ऐसे तिब्बती शरणार्थियों के ठहरने की वैधता का पता लगाया जाता है और संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि तिब्बती शरणार्थियों के व्यक्तिगत या पारिवारिक सदस्य के पास केंद्रीय तिब्बती राहत समिति द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र होना चाहिए।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि तिब्बती शरणार्थियों के व्यक्तिगत / परिवार के सदस्यों को प्रमाण पत्र से संबंधित प्रमाण / विवरण, जैसे नाम, आयु, लिंग, स्थान / पुनर्वास शिविर / निपटान से संबंधित इत्यादि को प्रस्तुत करना होगा, जो स्रोत दस्तावेज से तैयार किया गया हो तथा तिब्बती शिविर / निपटान का कल्याण अधिकारी द्वारा पंजीकरण / निपटान द्वारा बनाए रखा गया हो। इस रजिस्टर को समय-समय पर शिविर की आबादी में वृद्धि या कमी के साथ बनाए रखना और अद्यतन किया जाएगा। स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट रजिस्टर का निरीक्षण करने के लिए सक्षम होगा और यह सुनिश्चित करेगा कि यह वार्षिक रूप से अपडेट किया गया है।
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक लाभ / सुविधाओं का लाभ उठाने में आधार बनवाने के लिए तिब्बती शरणार्थियों के बच्चों की किसी भी कठिनाई को दूर करने के लिए, राज्य सरकार के शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के माध्यम से एक साल में दो बार स्कूलों के पास या स्कूलों में आधार नामांकन शिविर का आयोजन किया जाएगा।
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