हर्षित सैनी, रोहतक, 4 अगस्त। लोकसभा में पेश मजदूर-कर्मचारी विरोधी लेबर कोड को वापस लेने व सरकारी क्षेत्र को बर्बाद करने की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ सैंकड़ों मजदूरों व कर्मचारियों ने कल शहर में जोरदार प्रदर्शन किया।
गौरतलब रहे इस प्रदर्शन का आह्वान केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी संगठनों ने संयुक्त रूप से किया था। सीटू के जिला प्रधान का.सतवीर सिंह, सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान कर्मवीर सिवाच, इंटक के प्रधान दिनेश हुड्डा ने प्रदर्शन की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की।
प्रदर्शन को संबोधित सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान और सर्व कर्मचारी संघ के प्रांतीय नेता रमेश लोरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने 23 जुलाई को संसद में श्रम सुधारों के नाम पर जिन बिलों को पेश किया है, वह देश के मजदूरो को पूंजीपति मालिकों का गुलाम बनाने की कवायद है।
उन्होंने कहा कि देश में 48 करोड़ मजदूर संगठित व असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। उनके लिए नयूनतम वेतन के कानूनी प्रावधान को ही खत्म किया जा रहा है। केंद्रीय श्रम मंत्री ने बेशर्मी से वेतन का फ्लोर लेवल 178 रुपए प्रतिदिन व 4826 प्रतिमाह वेतन तय करने बारे प्रेस व्यक्तव्य दिया है। उनका कहना था कि भाजपा सरकार अपने चहेते कारपोरेट घरानों के हित में 8 घण्टे के कार्यदिवस के समय को भी खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इएसआई, पी एफ, बोनस जैसे प्रावधान दांव पर हैं जिसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीँ किया जा सकता।
सर्व कर्मचारी संघ नेता जयकुमार दहिया, सीटू नेता प्रकाश चंद्र, किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने कहा कि भाजपा का गरीब, मजदूर, कर्मचारी, किसान विरोधी चेहरा सबके सामने आ रहा है। उन्होंने मांग की है कि श्रम कानूनों में किए जा रहे बदलाव को तुरंत रोकने की मांग की।
इस कानून में 23 जुलाई को लोकसभा में पेश लेबर कोड बिल तुरंत वापस लिया जाए। रेलवे, बैंक, बीमा, परिवहन, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत सार्वजनिक क्षेत्र व सरकारी विभागों के निजीकरण पर तुरंत रोक लगे। उनका कहना था कि सरकारी क्षेत्र में अधिक निवेश कर इन्हें मजबूत किया जाए। मौजूदा श्रम कानूनों की सख्ती से पालना हो।
इसके अलावा उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। देश में न्यूनतम वेतन 18000 रुपए तुरंत घोषित किया जाए। यह स्कीम वर्करो आशा, मिड डे मील, आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर, क्रैच वर्करों समेत ठेका, कच्चे कर्मियों को भी मिले, ठेका प्रथा पर रोक लगे।
साथ ही ठेका, कच्चे मजदूरों व कर्मचारियों को पक्का किया जाए। पुरानी पेंशन बहाल हो। सभी मजदूरों को ई.एस.आई., पीएफ व पैंशन की सुविधा दी जाए व यूनियन का रजिस्ट्रेशन 45 दिन में सुनिश्चित हो।
प्रदर्शन में मुख्य रूप से सीटू राज्य सचिव सुरेखा, जिला सहसचिव कमलेश, कामरेड विनोद, सत्य नारायण, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के रामकिशन, धर्मबीर मलिक, किसान नेताओं प्रीत सिंह, सुमित, बलवान आदि ने भाग लिया।
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