चण्डीगढ़, 26 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल तथा शिक्षा मंत्री प्रो.राम बिलास शर्मा के राजकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सतत सुधार लाने के विजन व दूरदर्शी सोच को अमलीजामा पहनाने व परिणाम धरातल पर लाने के लिए जुलाई, 2017 में आरम्भ की गई ‘सक्षम हरियाणा’ योजना कारगर सिद्ध हुई है और परिणामसवरुप प्रदेश के 119 खण्डों में से 107 खण्ड सक्षम तथा पांच खण्ड सक्षम-प्लस घोषित किए गए हैं। 22 में से 14 जिले भी पूरी तरह सक्षम घोषित किये गए हैं. अब इस योजना को आगे बढ़ाते हुए स्कूलों में सक्षम 2.0 नाम से नया प्रारूप आरम्भ करने का निर्णय लिया गया है। सक्षम हरियाणा कार्यक्रम की नीति आयोग में सराहना की गई और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने राष्ट्रीय अखबारों में हरियाणा की तारीफ़ भी की है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज पंचकूला के सेक्टर-1 स्थित रेड बिशप में आयोजित राज्य स्तरीय ‘सक्षम सम्मान समारोह’ में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि आज का दिन हरियाणा में शिक्षा में गुणवत्ता लाने, अध्यापकों के पढ़ाने के तरीकों में बदलाव लाने, आरम्भ से ही विद्यार्थियों के सीखने के स्तर की नींव मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का एक ऐतिहासिक दिन है।
मुख्यमंत्री ने समारोह में सक्षम योजना के सफल क्रियान्वयन में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक तथा स्कूल शिक्षा विभाग के महानिदेशक डॉ. राकेश गुप्ता की पूरी टीम को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अब तक हरियाणा का नाम जहां दूध दही का खाना, खेती व पहलवानी, मुक्केबाजी अन्य खेलों के लिए जाना जाता था और शिक्षा के क्षेत्र में विशेषकर सरकारी स्कूलों में कहीं न कहीं पिछड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि सक्षम हरियाणा कार्यक्रम के बाद आरम्भ से ही बच्चों की नींव मजबूत होगी अब तीसरी से आठवी तक की सभी कक्षाओं के अंग्रेजी सहित मुख्य विषयों को शामिल किया गया है। आने वाले समय में हरियाणा से सरकारी स्कूलों से पास आऊट बच्चों की सक्षम ब्रंाड से होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसा कि जानकारी दी गई है कि अभिभावक प्राइवेट स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूलों में दाखिल करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उच्चतर शिक्षा के लिए हमने पिछले पांच वर्षों में हर 20 किलोमीटर की परिधि में एक सरकारी महाविद्यालय खोला है परन्तु स्कूली शिक्षा की तरफ कम ध्यान दिया गया जिस पर हमने सक्षम कार्यक्रम तैयार किया। इसके अतिरिक्त, अध्यापकों के ऑनलाइन ट्रांसफर किए और जिसके लिए 17 लगातार बैठकें की । उन्होंने कहा कि हलांकि 1996 से ही उसके दिमाग में अध्यापकों के ऑनलाइन टांसफर करने बात ध्यान में आई थी उस समय में भी शिक्षा मंत्री श्री राम बिलास हुआ करते थे परन्तु उस समय गठबंधन की सरकार थी इस कारण निर्णय लेने में राजनीतिक इच्छा शक्ति का अभाव था अब हम पूर्ण बहुमत में थे तो हमने इसे दृढ़ इच्छा शक्ति से लागू किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापक न केवल राष्टï का निर्माता होता है बल्कि मानव का भी निर्माता होता हैै कभी कभी छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से शिक्षा में मन लगाने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में उनका मुख्य फोक्स रोटी, कपड़ा, मकान, बिजली, पानी व सडक़ न होकर सुरक्षा, स्वास्थ व शिक्षा पर होगा।
उन्होंने कहा कि जो बच्चा शिक्षा को बोझ समझता है वह किसी न किसी तरीके से पास होकर डिग्री तो प्राप्त कर लेता है परन्तु जीवन के लक्ष्य से भटक जाता है। उन्होंने भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री व अमेरिका के भूतपूर्व राष्टï्रपति अब्राहिम लिंकन का उदाहरण देते हुए कहा कि किन कठिन परिस्थितियों में लगन के साथ अपनी पढ़ाई पूरी की और शीर्ष पदों पर पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि
कुछ किये बिना ही जय-जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
मुख्यमंत्री ने आज के कार्यक्रम में 550 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्यों, 220 जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों, जिला परियोजना सयोजकों, सक्षम खण्डों के खण्ड शिक्षा अधिकारियों, खण्ड मौलिक शिक्षा अधिकारियों, एससीईआरटी व शिक्षा निदेशालयों के 10 अधिकारियों, सात पंचायतों के 20 प्रतिनिधियों तथा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में जिले में अव्वल रहने वाले अम्बाला मण्डल के जिलों के 23 विद्यार्थियों के साथ सीधा संवाद किया तथा पंचकूला को छोडक़र अन्य 21 जिलों के उपायुक्तों तथा 9850 स्कूलों के विद्यार्थियों को एजूसेट के माध्यम से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सम्बोधित किया। यह हरियाणा में पहली बार हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री ने स्कूल शिक्षा में सुधार के लिए पहल की है।
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