चंडीगढ़/ फरीदाबाद: अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए हरियाणा में बिगुल बज चुका है। सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। एक दिन बाद से सीएम मनोहर लाल बड़ा अभियान शुरू करने वाले हैं और वो प्रदेश के सभी जिलों का दौरा करेंगे। सोशल मीडिया के रुझानों से पता चल रहा है कि हरियाणा में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच में होगा। अभी कुछ देर मैंने पूर्व सीएम ओपी चौटाला की एक खबर पोस्ट की जो फरीदाबाद पहुंचे थे और उन्होंने कहा कि अगली सरकार इनेलो की बनेगी। चौटाला की उस खबर पर आ रही प्रतिक्रियाओं को देख लगता है। इनेलो को विधानसभा चुनावों में कोई खास फायदा नहीं मिलेगा। पहले से बहुत बुरा हाल हो सकता है।
हरियाणा की अन्य कई पार्टियां जिनमे जजपा, बसपा, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी एवं आम आदमी पार्टी को भी कोई खास फायदा नहीं मिलता दिख रहा है। अधिकतर पार्टियां वोट कटुआ की जिम्मेदारी निभाएंगी और इनके से कई पार्टियों का शायद ही खाता खुले। पिछले चुनावों में भी यही देखा गया था। स्थानीय पार्टियों को जनता ने नकार दिया था। उसके बाद गोपाल कांडा का कोई अता पता नहीं है। उन्होंने भी एक पार्टी बनाई थी और जिसने भी पार्टी बनाई थी वो सब गायब हो गए।
हरियाणा के फरीदाबाद जिले की बात करें तो यहाँ लोकसभा चुनावों में भाजपा को प्रचंड जीत मिली है लेकिन यहाँ विधानसभा चुनावों में भाजपा का मुख्य मुकाबला कांग्रेस से होगा। इनेलो-जजपा-बसपा-लोसपा, आम आदमी पार्टी को बहुत संघर्ष करना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी सिर्फ बड़खल में कमाल दिखा सकती है।
पिछले साल अगस्त में हमने एक खबर पोस्ट की थी कि फरीदाबाद के चार चौधरी चंडीगढ़ पहुँचने की तैयारी कर सकते हैं। उसके लगभग 10 महीने बाद आज भी लिख रहा हूँ कि ये चार चौधरी चंडीगढ़ पहुँचने की तैयारी कर रहे हैं। पहले चौधरी का नाम है देवेंद्र चौधरी जो दुबारा मोदी के मंत्री बने कृष्णपाल गुर्जर के बेटे हैं लेकिन वो भाजपा महामंत्री और वरिष्ठ उप महापौर भी हैं और भाजपा की टिकट मिली तो उनके लिए चंडीगढ़ ज्यादा दूर नहीं है।
दूसरे चौधरी का नाम विकास चौधरी है और विकास कई वर्षों से अपने छबि में ऐसा विकास कर चुके हैं कि उन्हें अब फरीदाबाद 89 विधानसभा में गरीबों का मसीहा कहा जाता है और उन्होंने फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। विकास चौधरी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं और अगर कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया तो वो पूरा प्रयास करेंगे कि चंडीगढ़ पहुँच सकें और उन्होंने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है।
तीसरे चौधरी का नाम है दीपक चौधरी जो वार्ड नंबर 37 बल्लबगढ़ के पार्षद हैं और इन्होने नगर निगम का चुनाव आजाद उम्मीदवार के रूप में जीता लेकिन आरएसएस के सर्वे में इन्हे भाजपा की टिकट का प्रमुख दावेदार बताया गया और वर्तमान विधायक की छबि खराब बताई गई और उन्हें बिजली चोरी मामले में?
अगर दीपक भाजपा की टिकट पाते हैं तो बल्ले-बल्ले और अगर आजाद लड़ेंगे तो भी कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवारों को टक्कर देंगे।
चौथे चौधरी का नाम कविंद्र चौधरी है और ये एनआईटी से भाजपा की टिकट चाहते हैं। इनकी पत्नी ममता चौधरी वार्ड नंबर 8 की पार्षद हैं। कविंद्र चौधरी भी विधानसभा चुनावों की तैयारी करते देखे जा रहे हैं। कविंद्र चौधरी भाजपा की टिकट तो चाहते हैं लेकिन ये भी चाहते हैं कि उन्हें न मिले तो उनके बड़े भाई सतीश फागना को मिल जाए। दोनों भाई क्षेत्र में जमकर पसीना बहा रहे हैं।
ये चारों चौधरी युवा हैं। मेहनत कर रहे हैं। देखना है आगे क्या होता है। आगे इन चारों चौधरियों के बारे में विस्तार से बताएँगे।
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