दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार से मांग करी कि तत्काल क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलकर स्पेशल गिरदावरी कराई जाए और किसानों को 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। बरसात के कारण जिनकी खड़ी फसल बर्बाद हुई है उनको डबल मुआवजा दिया जाए साथ ही जो किसान फसल की बिजाई नहीं कर पाए उनको भी पूरा मुआवजा दिया जाए।
उन्होंने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की भी मांग की ताकि अलग से फंड मिल सके। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने जलभराव के स्थाई समाधान की पुख्ता योजना बनाने पर भी जोर दिया और कहा कि इस मुद्दे को पहले भी संसद में उठाया था दोबारा फिर संसद और विधानसभा में उठायेंगे।
उन्होंने कहा कि खेतों और आवासीय क्षेत्रों में जलनिकासी न होने से आम जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। प्रशासन को जलनिकासी के लिये सारे संसाधन लगाने चाहिए और जल्द से जल्द लोगों को इस समस्या से निजात दिलानी चाहिए। मौके पर मौजूद किसानों ने सांसद दीपेंद्र हुड्डा को अपनी परेशानियां बताते हुए कहा कि बारिश की वजह से बड़े इलाके में जलभराव हुआ और खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।
जलभराव के कारण खेतों में धान, नरमा, बाजरा की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। जलभराव वाले गाँवों को तुरंत बाढ़ग्रस्त घोषित कर वहाँ सभी सुविधाएँ प्रदान की जाए। उन्होंने मौके पर ही उपायुक्त से बात की और कहा कि बाढ़ प्रभावित रिहायशी इलाकों में क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिये भी अलग से मुआवजा दिया जाए।
इस अवसर पर उनके साथ सांसद जय प्रकाश जेपी, विधायक राजबीर फरटिया, पूर्व विधायक शिव शंकर भारद्वाज, पूर्व विधायक सोमवीर सिंह, प्रदीप नरवाल, अनिल मान, ओम प्रकाश कमरद, प्रो वीरेंद्र सिंह, संदीप सिंह, धीरज सिंह, प्रदीप गुलिया, विजय सिंह, अशोक बुवानिवाला, पवन बुवानिवाला आदि मौजूद रहे।
Post A Comment:
0 comments: