फरीदाबाद। प्रमुख औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई आफ इंडिया ने एमएसएमई सैक्टर को वर्तमान परिवेश में सरल, सुलभ व समग्र (सिम्पल, फास्टर एंड इनक्लूसिव) वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
नई दिल्ली में भारतीय रिजर्व बैंक के वित्तीय समावेश व विकास विभाग द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए आईएमएसएमई आफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि उद्योगों को सरल, सुलभ व समग्र वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिये सरकार की नीति स्पष्ट, पारदर्शी व औपचारिकताओं से रहित हो।
श्री चावला ने कहा कि भारतीय उद्यम पिछले एक दशक से विभिन्न चुनौतियों के बावजूद श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं, भारतीय अर्थव्यवस्था एक विकसित अर्थव्यवस्था की ओर कदम बढ़ा रही है ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि उद्योगों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की प्रक्रिया आसान हो और आरबीआई इस संबंध में बैंकों व वित्तीय संस्थानों को स्पष्ट निर्देश दे कि एमएसएमई सैक्टर के लिए उनका रूख साकारात्मक व रचनात्मक हो।
दक्षिण पूर्व जिला में स्थित ओखला औद्योगिक क्षेत्र के सूक्षम, लघु तथा मध्यम वर्ग के उद्यमियों के लिये आयोजित बैठक में श्री चावला ने कहा कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ता की ओर बढ़ रही है, हम विकसित राष्ट्र की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, ऐसे में अर्थव्यवस्था के लिये सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे एमएसएमई सैक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाना जरूरी है। श्री चावला ने कहा कि अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता के लिये जहां मजबूत जीडीपी तो आवश्यक है ही साथ ही शत प्रतिशत रोजगार व प्रभावी इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी है।
श्री चावला ने कहा कि यह निर्विवाद सत्य है कि जैसे-जैसे हम विकास की ओर बढ़ते हैं हमारे समक्ष चैलेंजिस भी आते हैं। इसी तर्ज पर देश के एमएसएमई सैक्टर के समक्ष चुनौतियां बढ़ रही हैं क्योंकि यह सैक्टर प्रगति की ओर कदम बढ़ा रहा है। आपने रिजर्व बैंक आफ इंडिया से आग्रह किया कि वित्तीय प्रबंधों को बेहतर बनाने के लिये ठोस कदम उठाए। श्री चावला ने विश्वास व्यक्त किया कि इस विशेष बैठक में आए सुझावों के अनुरूप आरबीआई प्रभावी नीति क्रियान्वित करेगी और इससे एमएसएमई सैक्टर लाभान्वित होगा।
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