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हरियाणा कांग्रेस में दरार और इनेलो की कमजोरी का फायदा उठाने में जुटी AAP

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कुरूक्षेत्र राकेश शर्मा- राजनीतिक दलों के चुनावी वायदों को जनता अब भलि-भांति जानने लगी है, पहचानने लगी जिसके कारण राजनीतिक चाणक्य भी नतमस्तक होने लगे है। राजनीतिक दलों के बदलाव की कहानी जो जनता जनार्दन अब लिखने लगी है ओर लोकतंत्र के इस उत्सव में अपना योगदान देकर अपनी जिम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका अदा कर रही है जैसे पंजाब में देखने को मिला।

हाल ही में पंजाब के चुनावों में जो सत्ता का उल्ट फेर हुआ उसकी चर्चा हर जगह होने लगी है आप पार्टी कैसे कुछ वर्षी में ही आम आदमी की पार्टी बनती जा रही है। उसकी चर्चा अब दिल्ली, पंजाब के बाद अन्य राज्यों के शहर से लेकर गांव तक होने लगे है। पंजाब में भगंवत मान मुख्यमंत्री बने तो विधायक की लिस्ट में वो नाम जुड़ गए जिनको शायद राजनीति का उड्डा ऐड्डा भी नही आता था क्योंकि आम जनता की धारणा है कि चुनावों में केवल बड़े रूतबे वालों को चुनावी अखाड़े मेे भेजा जाता है जिसके राजनीतिक परिवार से कोई संबध हो या फिर जिसके परिवार की या फिर अपनी कोई पहचान हो लेकिन इस धारणा को बदलने का काम आप पार्टी के सजोंजक अरविंद केजरीवाल ने करने का काम किया। ओर जो पंजाब में हुआ उसकी चर्चा दिन प्रतिदिन पंजाब से सटे राज्य हरियाणा में होने लगी है जिसके कारण हर रोज सोशल मीडिया से लेकर धरातल पर भी आप पार्टी को ज्वाइन करने वालों के नामों की संख्या में इजाफा हो रहा है। ओर गलियारों में चर्चा है कि आने वाले समय में हरियाणा के कई नेता आप पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर अपने आप को जनता के सामने आम आदमी बनाने के प्रयास करने लगे है। जिसके कारण वर्षो से जिन राजनीतिक दलों का राज प्रदेश में रहा उनको भी एहसास होने लगा है कि अगामी चुनाव में सत्ता की राह आसान नही होगी।

हरियाणा में भाजपा, काग्रेंस, इनैलो, जजपा के बाद आप पार्टी होगा विकल्प

हरियाणा की राजनीति में आया राम गया राम की राजनीति पिछले कई सालों से हो रही मौके है। एक दल के नेता दुसरे दलों में जाकर ही मजबूत करने करने का काम करते है ओर दलों को छोडऩे वाले नेता मनचाहे पदो पर आसीन भी हो जाते है जैसा कि प्रदेश की जनता देखती हुई आई है। भाजपा, काग्रेंस, इनैलो, जननायक जनता पार्टी के बाद आप पार्टी  भी एक विकल्प के रूप में उभर कर सामने आई है जिसको लेकर हरियाणा में खासतौर पर पार्टी को ज्वाइन करने वालों का तातां लगा हुआ है हर रोज कोई ना कोई अन्य दलों को छोडक़र आप पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर रहा है जोकि आज सबसे ज्यादा सुर्खीयों के साथ प्रदेश के गलियारों में चर्चा बन रही है आज कौन जाएगा।  

भाजपा की सरकार दुसरी बार गठबधंन के सहारे---------

हरियाणा में भाजपा की लहर चली तो अपने दम पर पार्टी ने 2014 में 47 सीटें पर जीतकर अपने दम पर हरियाणा में सरकार बनाई लेकिन वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों में 40 सीट से ही सतुष्ट होना पड़ा ओर जजपा के साथ गठबंधन करना पड़ा जिससे साफ जाहिर होता है कि दुसरी बार में ही जनना का आर्शीवाद कम मिला। लेकिन ऐसे हालात दुबारा ना बने।  इसके लिए मुख्यमंत्री पूरी तरह से भ्रष्टचार खत्म करने , कल्याणकारी योजनाएं हरियाणा में सबका साथ सबका विकास के प्रयासरत है।  

काग्रेंस में बढ़ती दरार जनता को नही आ रही रास-------

2019 विधानसभा के चुनावों में 90 विधानसभा सीटों में 31 सीटें मिली। हरियाणा में काग्रेंस की फूट 2019 के चुनावों में भी देखने को मिली लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे बड़े नेताओं की दुरीयां कम होने की बजाए ज्यादा होती जा रही है ये जनता भी जानती है ओर आलाकमान भी जानता है। हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भुपिन्द्र सिंह हुड्डा विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम कर रहे है ओर अपनी ताकत आलाकामना को दिखा रहे है उससे साफ जाहिर होता है कि हरियाणा में यदि मुख्यमंत्री के चेहरे को आगे नही लाया गया तो हालात पंजाब की तरह हो सकते है। प्रदेश के बड़े नेता जैसे काग्रेंस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैैलजा , काग्रेंस के राष्ट्रीय महासचिव और मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुलदीप बिशनोई, किरण चौधरी व अन्य बड़े नेताओं का हरियाणा की जनता के बीच जाकर संवाद ना करना प्रशन खड़े करता है जिसको जनता भलि-भांति जानती है।

इनैलो का एक विधायक----

वर्ष 2019 में विधानसभा चुनावों में इैनेलो को मात्र एक सीट से ही सब्र करना पड़ा जिसके कारण पार्टी का मनोबल भी कमजोर हुआ तो कार्यकर्ताओं का भी लेकिन पार्टीअध्यक्ष चौ. ओमप्रकाश चौटाला व महासचिव अजय सिंह चौटाला आज भी जनता संवाद के जरिए जनता से जुड़े होने रहते है। लेकिन प्रदेश में सीट का ग्राफ बढऩे की जगह कम होता जा रहा है।  

भाजपा ओर जजपा प्रदेश के हाथों प्रदेश की कमान-----

इनैलो परिवार से अलग होकर 9 दिसंबर 2018 को जननायक जनता पार्टी का गठन जींद में हुआ और महज एक वर्ष के भीतर ही उसने हरियाणा की राजनीति में अपनी पहली अहम छाप छोड़ी, विधानसभा चुनावों में 10 सीटों पर जीत के साथ दुष्यंत चौटाला हरियाणा की जाट राजनीति के नए कद्दावर नेता बनकर उभरे। ओर हरियाणा विधानसभाा चुनाव 2019 में न तो बीजेपी और न ही कांग्रेस को बहुमत मिला लेकिन 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत बनाने के लिए आज सत्ता की चाबी जेजेपी के हाथ में है।

लेकिन हरियाणा में जिस तरह से पार्टी को जनता का आर्शीवाद मिला उसके बाद उस तरह का समर्थन आगे भी मिलेगा ये समय ही बताएगा ।

मिशन हरियाणा में जुटी आप-----

हरियाणा में भले ही विधानसभा चुनावों मे अभी लम्बा समय है लेकिन आप पार्टी बिना देरी किये हुए ही पंजाब में मिली बंपर जीत का लाभ हरियाणा में भी उठाना चाहती है जिसके चलते आप पार्टी जहां नगरपालिका के चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारने शुरू कर दिये है वही सम्पर्क अभियान भी तेज कर दिया है जिसके कारण आज हरियाणा में कई नेता आप पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर रहे है। जिसके कारण पार्टी का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ रहा। जहां अन्य राजनीति दलों को अब संभल कर चलना ताकि समय रहते प्रदेश की राजनीति में कोई नया बदलाव ना हो। तो वही अगामी चुनाव में बड़ा नुकशान प्रदेश की राजनीतिक दलों को ना उठाना पड़े समय रहते यदि राजनीतिक दलों न कोई सीख ना ली तो दिल्ली ओर पंजाब की तरह हरियाणा में झाडंू चलने में देर न लगेगी। क्योंकि अब हरियाणा की राजनीति में प्रदेश की जनता के पास एक विकल्प आप भी है--

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