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सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार है हरियाणा

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चंडीगढ़,  - हरियाणा फसल अवशेष जलाने और राज्य में सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण के मुद्दों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

यह बात हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान कही। श्री भूपेंद्र यादव  ने सर्दियों के मौसम से पहले 'एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्य योजना के कार्यान्वयन' पर चर्चा की। बैठक में दिल्ली के मंत्री, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारी शामिल हुए।

वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए हरियाणा द्वारा उठाए गए समर्पित कदमों की सराहना करते हुए श्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार का एक लाख एकड़ क्षेत्र में बायो-डीकंपोजर तकनीक का उपयोग करने का निर्णय निश्चित रूप से पराली प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने उद्योगों को सीएनजी और पीएनजी में शिफ्ट करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना की।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है।

फॉर्मलडिहाइड इंडस्ट्रीज को फिर से खोलना चाहिए

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से यमुनानगर में फॉर्मलडिहाइड उद्योग को फिर से खोलने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री से आग्रह करते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि कुछ आपत्तियों के कारण इन उद्योगों को बंद कर दिया गया था लेकिन बाद में इनके पुन: संचालन के लिए पंजीकरण शुरू किया गया था, परंतु दोबारा अदालत के आदेश के कारण यह इकाइयां बंद हैं।

श्री मनोहर लाल ने कहा, "मैं केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करता हूं, ताकि इन इकाइयों को फिर से शुरू किया जा सके और उद्योगपतियों को कुछ राहत मिल सके।"

सीएनजी-पीएनजी पाइपलाइन बिछाने के कार्य में तेजी लाई जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में जहां सीएनजी और पीएनजी पाइपलाइन उपलब्ध है, वहां औद्योगिक इकाइयों को सीएनजी और पीएनजी में बदलने का काम पहले ही चरणबद्ध तरीके से किया जा चुका है।  

श्री मनोहर लाल ने केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव से आग्रह करते हुए कहा कि राज्य में जहां अभी सीएनजी और पीएनजी पाइपलाइन नहीं है, उन क्षेत्रों में राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा पाइपलाइन बिछाने के काम में तेजी लाई जाए, ताकि इन पाइपलाइनों की अनुपलब्धता के कारण उद्योग बंद होने की स्थिति में न आएं।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से यह भी आग्रह किया कि प्रदूषण नियंत्रण प्रावधानों को पूरे एनसीआर की बजाय जिले के अनुसार लागू या बनाए जाएं। क्योंकि इन प्रावधानों को लागू करने में कभी-कभी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान में हरियाणा का लगभग 47 प्रतिशत क्षेत्र एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इसलिए यह आग्रह है कि ऐसे सभी प्रावधानों को पूरे एनसीआर की बजाए, एनसीटी और दिल्ली के 10 कि.मी. के दायरे में या 10 लाख आबादी वाले शहरों के 10 कि.मी. के दायरे में  या जिलों के अनुसार लागू किया जाना चाहिए।

हरियाणा में धान का कुल क्षेत्र पिछले साल की तुलना में 10.7 प्रतिशत तक हुआ कम

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में धान का कुल क्षेत्रफल 34.10 लाख एकड़ (57% बासमती और 43% गैर-बासमती) है। राज्य के प्रयासों से पिछले वर्ष की तुलना में धान के क्षेत्र में 10.7 प्रतिशत तक की कमी आई है। 34,372 मशीनें (19,353 रोटावेटर्स के अलावा, जिन्हें भारत सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) उपकरणों की सूची से हटा दिया गया है) हरियाणा में 4,224 कस्टम हायरिंग केंद्रों में व्यक्तिगत किसानों के पास उपलब्ध हैं।

फसल अवशेष जलाने की घटनाओं के मामले में गांवों को रेड, येलो और ग्रीन जोन में वर्गीकृत किया गया

उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने निगरानी और रोकथाम के लिए हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एचएआरएसएसी) द्वारा फसल अवशेष जलाने की घटनाओं के उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर गांवों को विभिन्न जोन जैसे लाल (रेड), पीले (येलो) और हरे (हरे) जोन में वर्गीकृत किया है। कृषि विभाग ने चालू सीजन में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की है और इस पर एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के साथ विस्तार से चर्चा की गई है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनों पर सहायता प्रदान कर रहा है, व्यक्तिगत श्रेणी के लिए 50 प्रतिशत और कस्टम हायरिंग केंद्रों के लिए 80 प्रतिशत तक सहायता दी जा रही है। 198.53 करोड़ रुपये योजना के तहत उपलब्ध है। इसके अलावा, एसएमएएम योजना के तहत जारी वित्त का उपयोग सीआरएम मशीनरी प्रदान करने के लिए भी किया जाएगा। प्रथम चरण में आमंत्रित आवेदनों को संबंधित उपायुक्तों द्वारा आवश्यक र्कारवाई की गई है और रेड और येलो जोन गांव के सभी आवेदकों को मशीन खरीदने की अनुमति दी गई है। दूसरे चरण में रेड और येलो जोन के गांवों से 25 सितंबर, 2021 तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं और 28 सितंबर, 2021 को उपायुक्तों, जो इस उद्देश्य के लिए गठित समिति के अध्यक्ष हैं, के द्वारा इस पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। किसानों द्वारा उपकरणों की बुकिंग के लिए फार्म (FARM) नामक एक ऐप विकसित किया गया है। इसके अलावा, जिला, उपमंडल, खण्ड और ग्राम स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं।

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