Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

कालू ठेकेदार से मिलकर फरीदाबाद को लूट रहे हैं भ्रष्ट नेता और भ्रष्ट अफसर, गब्बर नहीं सियार हैं विज?

Big-Loot-In-Faridabad-Sps
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

नई दिल्ली/ चंडीगढ़/ फरीदाबाद- लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव या किसी राज्य के निकाय चुनाव, हर चुनाव के ठीक पहले आपको उन क्षेत्र में बिजली के खम्भों पर टंगे कुछ नेता दिख जाएंगे। जो बाकायदा हाथ जोड़कर तस्वीरें खिंचवाकर उस खम्भे पर होते हैं और कइयों के नीचे समाजसेवी लिखा होता है। इनमे से तमाम नेता चुनाव लड़ते हैं और जो हार जाते हैं उनमे से कई पौने पांच वर्षों तक गायब हो जाते हैं। जो किसी न किसी पार्टी से जीत जाते हैं वो आगे कभी आपको हाथ जोड़े नहीं दिखेंगे। कई राज्यों में इस तरह के नेता देखे गए हैं लेकिन अब बात करते हैं हरियाणा के ऐतिहासिक जिले फरीदाबाद की जहां के खम्भों पर भी ऐसे नेता दिखे। नेताओं ने चुनावों के पहले बड़े-बड़े वादे किये और सत्ता में भी आये लेकिन उद्योगनगरी को 80 फीसदी से ज्यादा लोग नरक सिटी बोल रहे हैं। 

आज रविवार को हमने कई क्षेत्रों का दौरा किया और कुछ पार्षदों से मुलाक़ात की तो कई पार्षद बोले कि भाई हम अपने क्षेत्र में 10-20 लाख या एक करोड़ का विकास कार्य करवाने के लिए धक्के खा रहे हैं और एक कालू ठेकेदार 250 से 300 करोड़ खाकर डकार गया। पार्षदों का कहना था कि हमारे टेंडर, हमारी फाइलों पर जल्द हस्ताक्षर नहीं होते और हम अपने क्षेत्र का इस कारण विकास कार्य नहीं करवा पा रहे हैं जबकि कालू ठेकेदार कुछ करवाता ही नहीं है ,कागज़ पर विकास या कोई निर्माण दिखा अपनी फाइलों पर हस्ताक्षर करवा लेता है और इस तरह से वो करोड़ों डकार चुका है। एक पार्षद ने 250 से 300 करोड़ डकारने की बात की। एक पार्षद ने बताया कि कालू ने सिर्फ बल्लबगढ़ में 100 करोड़ रूपये खाया है और बिना कोई काम करवाए हुए। 

एक पार्षद ने बताया कि कई बार आरटीआई के माध्यम से जानकारी हासिल करते का प्रयास किया लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई जिसे देख लगता है कि कालू की फाइलों पर हस्ताक्षर करने वाले भी उसकी काली कमाई के हिस्सेदार हैं। एक पार्षद ने कहा कि कालू इतना बड़ा तांडव मचा रहा है और कोई सत्ताधारी नेता कुछ नहीं बोल रहा है जिसे देख लगता है कि काली कमाई का कुछ हिस्सा वहां भी पहुँच रहा है। यहाँ तक कि एक पार्षद ने काली कमाई का हिस्सा चंडीगढ़ तक भी पहुँचने की बात की और कहा ऊपर से नीचे तक सब मिलकर फरीदाबाद को लूट रहे हैं और एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा का वो कथन सत्य है जिसमे कल उन्होंने कहा था कि भ्रष्ट अफसर और भ्रष्ट नेता फरीदाबाद को सोमनाथ का मंदिर समझ जमकर लूट रहे हैं , कई पार्षदों ने नीरज शर्मा के इस कथन पर मुहर लगाईं। 

एक पार्षद ने कहा कि नालियां गलियां साफ़ करवाने का काम हमारा होता है लेकिन हम मजबूर है। इसीलिये लोग नालियां गलियां  साफ करवाने के लिए न हमारे पास आते हैं न विधायक के पास और न ही स्थानीय सांसद के पास, डायरेक्ट सीएम को एक गली की सफाई के लिए ट्वीट करते हैं और सीएम भी गली साफ़ करवा अपनी पीठ खुद ठोंकते हैं। उन्होंने एनआईटी की परवतिया कालोनी की कामिनी का उदाहरण दिया जिनकी  जल्द शादी है और सीएम को ट्वीट करने के बाद उनकी गली साफ हुई। नगर निगम ने उसके पहले उनकी कभी नहीं सुनी। एक पार्षद ने हरियाणा के गृह मंत्री पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि वो गब्बर होंगे अम्बाला के अन्य जिलों में तो उनका कामकाज फेल है और वो नकली गब्बर हैं। निगम का कामकाज उनके पास  है और उन्ही की छत्रछाया में कालू ने फरीदाबाद को लूट लिया। उन्होंने कहा कि आप भी उन्हें गब्बर बोलते हैं तो आप पर हंसी आती है ,वो ट्विटर पर गब्बर होंगे, असल कामकाज में तो वो अब सियार से भी बदतर हैं। 

फिर आते हैं कालू ठेकेदार पर और हमने तमाम  पार्षदों और अन्य नेताओं से बात करने के बाद कालू के बारे में पता किया तो पता चला कि नगर निगम की कई बैठकों में पार्षद घोटाले का मुद्दा उठा चुके है और मेयर सुमन ;बाला पर भी भ्रष्ट ठेकेदारों से मिलीभगत का आरोप लगा चुके हैं लेकिन कोई ऊपर है जो घोटालेबाजों का साथ देता है इसलिए पार्षदों की नहीं चलती। 

निगम सदन की बैठकों में कई पार्षदों ने  एकमत होकर  भ्रष्ट ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने और सभी पर एफआईआर दर्ज करवाने की मांग भी की लेकिन ऊपर वाला इन भ्रष्टो को बचा लेता है और इसी वजह से भ्रष्ट फरीदाबाद को लूट रहे हैं और शहर नरक बनता जा रहा है। 

आपको बता दें कि लगभग ढाई माह पहले नवंबर में नगर निगम पार्षदों ने सदन की बैठक में घोटाले के मुद्दों को जोरशोर से उठाया था। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे भ्रष्टाचार का मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 

जानकारी के मुताबिक बीते तीन वर्षों में नगर निगम में तीन बड़े घोटाले सामने आ चुके हैं। इनमें एक सबसे बड़ा घोटाला जुलाई 2020 में सामने आया था। इसमें शहर के 40 वॉर्डों में से 10 वॉर्ड ऐसे मिले जहां पर विकास कार्यों की एक ईंट तक नहीं लगी और ठेकेदार को करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया गया था। मामला सेक्टर-37 वार्ड पार्षद दीपक चौधरी की ओर से वित्तीय खर्च की जानकारी के बाद उजागर हुआ था।

मामले में पार्षदों ने निगम की वित्तीय शाखा से लिखित जानकारी मांगी। पार्षदों को वित्तीय शाखा से मिली जानकारी में ठेकेदार को केवल नालियों की मरम्मत, इंटरलॉकिंग टाइल बिछाने और स्लैब लगाने जैसे तीन कामों के लिए करोड़ों रुपये का भुगतान रिकॉर्ड में दिखाया गया। यह सभी भुगतान जनरल फंड से किए गए। वहीं, उस वक्त निगम के जनरल फंड अकाउंट खाली पड़ा था। यह बात भी ध्यान देने लायक है कि पिछले चार साल से सभी कार्य मुख्यमंत्री घोषणा फंड से हो रहे हैं।

मामला खुलने के बाद राज्य सरकार ने नगर निगम में बिना काम किए भुगतान करने वाले चार पार्षदों की ओर से मिली शिकायत पर जांच मंडलायुक्त संजय जून को सौंप दी थी। कथित घोटाले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि इससे पहले ही 17 अगस्त को निगम की वित्तीय शाखा में आग लग गई। इस आग में वित्तीय शाखा का रिकॉर्ड व अन्य सामान जलकर राख हो गए। अचानक लगी इस आग के बाद चर्चाएं गर्म थी कि इसके पीछे 50 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच पर पर्दा डालने की साजिश है। हालांकि तत्कालीन निगम आयुक्त डॉ. यश गर्ग ने इस अग्निकांड की जांच के लिए निगम अधिकारियों की तीन सदस्य कमेटी गठित की थी। इस कमेटी को 10 दिन में अपनी रिपोर्ट निगमायुक्त को सौंपनी थी। यह फाइल भी दब कर रह गई।

वार्ड तीन के पार्षद जयवीर खटाना ने भी ढाई  माह पहले हुई निगम सदन की बैठक में घोटाले का मामला उठाया था। उन्होंने आउटडोर विज्ञापन पॉलिसी के तहत शहर में जगह-जगह लगाए यूनिपोल और गैनेट्री का मामला जोरशोर से उठाया। पार्षद का आरोप है कि शहर में अभी पूरी तरह गैनेट्री लगी भी नहीं थीं कि ठेकेदार को करीब 21 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। यह किस आधार पर किया गया, इसकी जानकारी दी जाए। वहीं एक अन्य मामला स्ट्रीट लाइट घोटाले का सामने आया। पार्षद सुरेंद्र कुमार अग्रवाल का आरोप था  कि उनके वार्ड में एक हजार स्ट्रीट लाइट लगाई जानी थीं, मगर मात्र 355 लाइटें लगी हैं। यह स्थिति पूरे एनआईटी क्षेत्र की है।

 अभी कुछ मिनट पहले हमने अपने पाठकों से पूंछा था कि फरीदाबाद स्मार्ट सिटी बना या नरक सिटी 90 फीसदी लोग नरक सिटी बता रहे हैं। मेरे फेसबुक पेज हरियाणा अब तक पर आप जिले के  लोगों के कमेंट्स पढ़ सकते हैं। 



फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

Faridabad News

Post A Comment:

0 comments: