चंडीगढ़, 29 जुलाई- हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा ने कहा कि प्रदेश में सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से आरंभ किए गए ‘हरियाणा विजन जीरो’ कार्यक्रम से राज्य में सडक़ दुर्घटनाओं में लगभग सात प्रतिशत तक कमी आई है और इसे शून्य करने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जनभागीदारी के साथ-साथ ट्रैफिक नियमों के बारे जागरूकता की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार और आमजन को मिलकर आगे बढऩा होगा।
श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा आज यहां आयोजित हरियाणा विजन जीरो- संस्थागत सडक़ सुरक्षा कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रही थी। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का संदेश दिखाया गया। श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा द्वारा हरियाणा विजन जीरो की वेबसाइट लॉन्च की गई और हरियाणा विजन जीरो के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया गया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने हरियाणा विजन जीरो कार्यक्रम को प्रदेशभर में सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए हितधारकों की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले युवाओं को खोना न केवल परिवार पर बल्कि देश की आर्थिक उन्नति पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। सडक़ दुर्घटनाओं को कम करना आज एक बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा कि एक सर्वे के अनुसार शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ दुर्घटनाओं में मृत्यु दर अधिक है, इसके लिए संबंधित विभागों को मिलकर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
उन्होंने पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग से सडक़ दुर्घटनाओं का लाइव डाटा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए, ताकि उन दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए खराब सडक़ों का पता लगाकर मुरम्मत करने, साईकिल के लिए अलग लाईन बनाना, पैदल चलने वालों के लिए मार्ग, सुरक्षा के दृष्टिगत सीसीटीवी कैमरों को लगाने जैसे उठाए गए कदमों में और तेजी लाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार और सिस्टम के साथ-साथ आमजन की भी जिम्मेवारी बनती है कि वे यातायात के नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं के दौरान घायलों को अस्पताल पहुंचाने में पुलिस की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसलिए पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी. सी. गुप्ता ने बताया कि हरियाणा विजन जीरो कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा 3 मई 2017 को गुरुग्राम में की गई थी। इसके लिए हरियाणा सरकार, नासकॉम और वल्र्ड रिसॉर्स इंस्टीटयूट के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। मई 2017 से दिसंबर 2018 तक पहले चरण में 10 जिलों में हरियाणा विजन जीरो कार्यक्रम चलाया गया, जिसकी सफलता के बाद जनवरी 2019 से दूसरे चरण में सभी 22 जिलों में इस कार्यक्रम को लागू किया गया है। बैठक में यह भी बताया कि पहले चरण के कार्यक्रम में 230 लोगों को बचाया गया। 6554 किलोमीटर सडक़ों का सडक़ सुरक्षा ऑडिट करवाया गया। 1386 दुर्घटनाओं की जांच की गई तथा 141 जिला सुरक्षा समितियों की बैठक की गई।
उन्होंने बताया कि हरियाणा विजन जीरो कार्यक्रम से राज्य में सडक़ दुर्घटनाओं में लगभग 7 प्रतिशत तक कमी आई है। चरखी दादरी और कैथल जिले में 40-40 प्रतिशत, 8 जिलों में लगभग 10-10 प्रतिशत और 3 जिलों में 5 से 10 प्रतिशत तक की कमी आई है।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक श्री मनोज यादव ने कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं में 75 प्रतिशत जान गंवाने वालों में 12 से 35 वर्ष आयु वर्ग के होते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में वाहनों की औसत स्पीड बहुत ज्यादा है, जिसे रोकने के लिए पुलिस विभाग तत्परता से कार्य कर रहा है। इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री महावीर सिंह, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद मोहन शरण और परिवहन आयुक्त श्री विरेंद्र कुमार दहिया सहित हिमाचल प्रदेश, पंजाब और चंडीगढ़ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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