उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि जिले के कई गांव से यमुना नदी होकर गुजरती है। इस तरह पौधा रोपण से भूमि कटाव से बचा जा सकता है। भूजल स्तर बचाने के लिए भी पेड़ कारगर साबित होते हैं। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में तो पेड़-पौधे अहम भूमिका निभाते ही हैं।
यमुना बेल्ट में पौधे रोपने के कई होंगे फायदे। इससे भूजल स्तर में तो सुधार होगा ही, नदी किनारों पर प्रदूषण पर भी रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के साथ अपने संस्कारों का समावेश करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान 2.0 की शुरुआत की जा रही है।
इस अभियान के तहत जिला में अधिक से अधिक पौधों का रोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिला वासियों से आह्वान किया कि प्रत्येक नागरिक ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से अवश्य जुड़े और पर्यावरण संरक्षण में भागीदार बनें। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि सभी अपनी मां के नाम से एक पेड़ अवश्य लगाएं और उनका संरक्षण करते हुए पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभाएं।
उपायुक्त ने कहा कि बृहस्पतिवार 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में जिला पलवल के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन के सहयोग से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान-2.0 के तहत पौधरोपण किया जाएगा। अभियान के तहत जिला मुख्यालय सहित खंड स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर एक पेड़ मां के नाम थीम पर पौधे लगाए जाएगें। उन्होंने वन विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस अभियान के साथ आमजन को जोड़ते हुए उनकी अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में एक पेड़ मां के नाम राष्ट्रव्यापी अभियान 2.0 के माध्यम से आमजन से अधिक से अधिक पौधारोपण करने का आह्वान किया है। वहीं हरियाणा में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में हरियाणा सरकार एक पेड़ मां के नाम अभियान-2.0 के तहत पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग एवं सतर्क हंै।
वर्तमान समय में हरित मानसिकता विकसित करने की आवश्यकता : पूजा राय
आईआरएस अधिकारी पूजा राय ने कहा कि संस्था की ओर से पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की दिशा में की गई पहल सराहनीय है, जिसमें सभी को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते पेड़-पौधों का संरक्षण और संवर्धन नहीं किया गया तो प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाएगा। इसका प्रभाव पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव पर पड़ेगा। पर्यावरण को बचाने का एकमात्र उपाय अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाना है।
जब भी अवसर मिले हमें एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए और उसकी देखभाल करनी चाहिए। पर्यावरण संरक्षण के निमित्त आमजन का सहयोग अनिवार्य हो गया है। वर्तमान समय में मनुष्य को हरित मानसिकता विकसित करने की आवश्यकता है। दैनिक कार्यों में प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग किया जाए, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। प्रत्येक व्यक्ति अपने आसपास गमलों में छोटे-छोटे पौधे लगाएं।
पर्यावरण संरक्षण हम सबकी सामुहिक जिम्मेदारी :
आईआरएस अधिकारी पूजा राय ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण को संरक्षित और सुरक्षित रखना आमजन की प्रथम जिम्मेदारी है। पर्यावरण को बचाने के लिए सबसे पहले हमें पानी को प्रदूषित होने से बचाना होगा। कारखानों, सीवरेज और घरों की नालियों से निकले पानी को नदियों में जाने से रोकना होगा। वनों को नष्ट होने से बचाना होगा और लोगों को पौधारोपण के लिए प्रेरित करना होगा।
अपने घरों के आसपास के गंदे पानी की निकासी और घरों से निकले कचरे को खुले में न डालें। घरों से निकले जैव कचरे से खाद बना सकते हैं। खुले में शौच न करें, सुलभ शौचालय का उपयोग करें। कम दूरी वाले स्थानों पर जाने के लिए साइकिल का उपयोग करें। हम सब अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण को संरक्षित करने में मददगार बन सकते हैं।
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